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देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार जरूरी : दिलीप

रामगढ़ : दुनिया में तीन तरह के व्यक्ति होते हैं देश को जोड़ने वाले, देश को तोड़ने वाले और मूकदर्शक बन कर देखने वाले. किसी भी देश की शिक्षा की दिशा व दशा के निर्धारण के उपरांत हम इन तीनों के अंतर को समक्ष सकते हैं. उक्त बाते रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती विद्या मंदिर रामगढ़ में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2016 7:57 AM
रामगढ़ : दुनिया में तीन तरह के व्यक्ति होते हैं देश को जोड़ने वाले, देश को तोड़ने वाले और मूकदर्शक बन कर देखने वाले. किसी भी देश की शिक्षा की दिशा व दशा के निर्धारण के उपरांत हम इन तीनों के अंतर को समक्ष सकते हैं.
उक्त बाते रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती विद्या मंदिर रामगढ़ में विद्या विकास समिति झारखंड द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रांतीय विद्वत परिषद की बैठक में अखिल भारतीय विद्वत परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप बेदकेकर ने कही. कार्यक्रम का उदघाटन विद्यालय सभागार में माता सरस्वती के समक्ष अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप जला कर व सरस्वती वंदना गा कर किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री बेदकेकर ने कहा कि देश में असहिष्णुता की परिभाषा में तेजी से बदलाव आया है. छोटी-छोटी बातों को बड़ा बना कर प्रस्तुत किया जा रहा है. इसे देश की शिक्षा नीति में व्यापक बदलाव लाकर ही दूर किया जा सकता है. देश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है. कार्यक्रम को गोपेश कुमार घोष, पवन कुमार मिश्र आदि ने भी संबोधित किया.
मंच संचालन करुणेश कुमार मिश्र ने किया. इस मौके पर घनश्याम महतो, प्रदीप कुमार बेरलिया, मणि भूषण मिश्रा, दिनेश महतो, योगेंद्र प्रसाद सिंह, कन्हैया कुमार, महेश्वर महतो, अमित वर्मन, श्रीकांत द्विवेदी, सुनील कुमार, मनोज कुमार, दयाशंकर तिवारी, जयदेव पंडित, दयाशंकर उपाध्याय, संजय कुमार, प्राण रंजन कुमार, शैलेंद्र कुमार सिंह, वेद प्रकाश, विकास कुमार, अभिषेक कुमार, आशीष कुमार, विभाष चंद्र गोस्वामी, नीरज कुमार, बबलू कुमार, गौरीशंकर अग्रवाल, लक्ष्मण महतो, नीता सहाय, कुमकुम झा, संगीता मिश्रा, बबीता कुमारी, अंजु कुमारी आदि उपस्थित थे.

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