न्यू बिरसा का टेंडर फाइनल

उरीमारी : बरका-सयाल क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना के लिए कंपनी का चयन हो गया है. बताया गया कि हैदराबाद की डीजी रेड्डी ग्रुप यहां पर कोयला व ओबीआर का खनन करेगी. टेंडर कमेटी द्वारा डीजीआर ग्रुप का टेंडर फाइनल कर दिया गया है. बताया गया कि इस परियोजना के लिए 750 करोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2016 8:37 AM
उरीमारी : बरका-सयाल क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना के लिए कंपनी का चयन हो गया है. बताया गया कि हैदराबाद की डीजी रेड्डी ग्रुप यहां पर कोयला व ओबीआर का खनन करेगी.
टेंडर कमेटी द्वारा डीजीआर ग्रुप का टेंडर फाइनल कर दिया गया है. बताया गया कि इस परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया था. टेंडर में कुल छह कंपनियों ने भाग लिया था. फाइनेंसियल बिड ओपेन हो चुका है. बताया गया कि रिवर्स बीडिंग में इस कंपनी का चयन हो चुका है. सिर्फ शर्तों को पूरा किया जाना बाकी है. बताया गया कि वर्ष 2017 के जनवरी माह से यह कंपनी यहां से उत्पादन कार्य शुरू कर देगी.
प्रतिवर्ष दो मिलियन टन होगा उत्पादन : आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना से प्रतिवर्ष अगले दो-तीन साल तक दो मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जायेगा. इस दौरान 21 मिलियन टन कोयला कंपनी को निर्धारित समय में निकालना होगा. इसी दौरान 42 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर का भी उत्पादन होगा. बताया गया कि यहां पर जी-5, जी-6, जी-8 ग्रेड का कोयला है. इस परियोजना में 50 मिलियन टन कोयलेका रिजर्व भंडार है. यहां के कोयले को सौंदा बी साइडिंग के माध्यम से देश के थर्मल पावर स्टेशनों में भेजा जाना है.
जोजो टोला में बनाया जायेगा साइडिंग : यह परियोजना अगले 30 वर्षों तक चलेगी. यहां से देश के विभिन्न हिस्सों में कोयला भेजने के लिए जोजो टोला में रेलवे साइडिंग का निर्माण किया जाना है. सयाल साइडिंग से रेलवे लाइन व दामोदर नदी पर पुल बनाने के लिए कोलकाता की राइट्स कंपनी द्वारा सर्वेक्षण का काम पूरा किया जा चुका है. बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान रेलवे लाइन बिछाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
पहले साल से 10 लाख होगा उत्पादन : न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में पहले साल 10 लाख, दूसरे साल 20 लाख, तीसरे से लेकर आठवें वर्ष तक 30-30 लाख टन कोयले का उत्पादन आउटसोर्सिंग कंपनी को करना है. बताया गया कि इस दौरान कुल 21 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जायेगा.

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