बक्सर / रामगढ़ :झारखंड के रामगढ़ स्थित रजरप्पा के मां छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर में एक अजीबोगरीब आत्महत्या का मामला सामने आया है, जिससे सनसनी फैल गयी है. हजारीबाग में तैनात बिहार के बक्सर के बलिहार गांव के एक सीआरपीएफ जवान ने, जिसका नाम संतोष नट बताया जा रहा है, उसने मंदिर में पूजा अर्चना के बाद अपने साथ लाये गये धारदार हथियार से अपना गला काटकर अपनी बलि चढ़ा दी. रजरप्पा मंदिर में पहली बार अपने आप को बलि देने की घटना हुई है. इस घटना के बाद लोग हतप्रभ हैं.
पुलिस सभी मामले की कर रही है जांच
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय सोमवार शाम रजरप्पा मंदिर में संध्या आरती में शामिल हुआ था. इसके बाद मंगलवार सुबह उसने पूजा- अर्चना कर अपनी बलि दे दी. लोगों का कहना था कि अगर उसकी मानसिक स्थिति खराब होती, तो वह यहां तक कैसे आता. दूसरी बात आत्महत्या ही करना था, तो वह कहीं भी कर सकता था. उसने रजरप्पा मंदिर में ही जान देने के लिए क्यों चुना. हालांकि उसकी मानसिक स्थिति ठीक थी या नहीं, पुलिस इसकी जांच कर रही है. पुलिस इस घटना को आत्महत्या का ही रूप मान रही है.
पाॅकेट में मिला कागज परलिखा हुआ घर का मोबाइल नंबर
मरने से पहले उसने कागज पर घर का मोबाइल नंबर लिख कर पॉकेट में रखा था. इसमें 9472498182, 9430263294 एवं एक आठ डिजीट 87571022 अंकित है. इस नंबर से ही उसके घर की जानकारी मिली. रजरप्पा थाना के चंद्रमा सिंह व अमरेंद्र सिंह ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना की सूचना मिलने पर प्रभारी एसडीओ महावीर प्रसाद, बीडीओ नूतन कुमारी सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंचे.
बक्सर का रहने वाला है मृतक संजय नट
संजय नट बिहार बक्सर जिला के बलिहार का रहनेवाला था. संजय की पत्नी के अनुसार, संजय ओड़िशा में सीआरपीएफ के पद पर तैनात था. वह बिना बताये घर से निकला था. परिवार और पत्नी के साथ उसका कोई विवाद भी नहीं था. रविवार सुबह संजय की पत्नी नाश्ता बना कर पति का इंतजार कर रही थी, लेकिन वह नाश्ता करने के लिए नहीं आया. घर में पत्नी शारदा देवी व दो बेटे और दो बेटियां हैं. घटना की जानकारी मिलने से पूरा परिवार सदमे में है और पत्नी शारदा का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है.
माता की पूजा अर्चना कर परिक्रमा की, दे दी बलि
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय को सोमवार से ही मंदिर परिसर के आसपास देखा गया था. मंगलवार सुबह उसने मां छिन्नमस्तिका की पूजा की और फिर मंदिर की परिक्रमा करने लगा. इसी दौरान उसने खुद के साथ लाये तलवार से मंदिर के मुख्य द्वार के पास अपना गला रेत डाला. इस घटना में मंदिर का मुख्य द्वारा पर खून फैल पड़ा और संजय वहीं गिर गया और उसकी वहीं मौत हो गयी. फौरन पुलिस को इस घटना की सूचना दी गयी और मंदिर के द्वार पर ताला लगा दिया गया.
शुद्धिकरण के बाद पूजा शुरू
रजरप्पा मंदिर न्यास समिति के सचिव सुभाशीष पंडा, अध्यक्ष अशेष पंडा, पुजारी अजय पंडा व असीम पंडा ने बताया कि यह घटना गर्भ गृह से बाहर हुई है. इसके कारण मंदिर शुद्धिकरण के लिए पांच द्रव्यों से मंदिर की सफाई की गयी. इसके बाद मां छिन्नमस्तिका देवी की पूजा शुरू करा दी गयी. हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि विधि-विधान के साथ यज्ञ व हवन करा कर मंदिर में फिर से पूजा-अर्चना शुरू करनी चाहिए थी.
नदिया के पार फिल्म के बाद चर्चा में आया था बलिहार गांव
गौरतलब हो कि फिल्म नदिया के पार में बलिहार गांव दिखाने के बाद यह गांव पूरे देश में चर्चा में आया था. इसी गांव का ही संजय रहनेवाला था. इस घटना के बाद बलिहार गांव फिर से चर्चा में आ गया.
रजरप्पा में पूर्व में भी कई बड़ी घटना हो चुकी है
बलि देने की घटना रजरप्पा में पहली है. हालांकि इससे पूर्व भी रजरप्पा मंदिर में राज्य और लोगों को चौंकाने वाली कई बड़ी घटनाएं हुई हैं. दो जुलाई 2010 में मां छिन्नमस्तिका देवी की मूर्ति विखंडित हुई थी. इसके बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी व आला अधिकारियों ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का आश्वासन दिया था. उस समय यहां एक डीएसपी स्तर का अधिकारी देने और एक ओपी बनाने की बात कही गयी थी, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गयी है. अब भी लाठीधारी के भरोसे मंदिर प्रक्षेत्र की सुरक्षा है. उधर, यहां कई बार छिनतई की घटना भी हो चुकी है. आये दिन यहां मारपीट की घटना होती है.