पिछड़ी जातियों को 27% आरक्षण दें

गिद्दी(हजारीबाग) : आजसू की अखिल झारखंड पिछड़ा वर्ग महासभा ने झारखंड की राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. इसमें कहा गया है कि मंडल कमीशन की अनुशंसा तथा राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रारंभ से ही पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है. बिहार, केरल, आंध्रप्रदेश में पिछड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2017 6:54 AM
गिद्दी(हजारीबाग) : आजसू की अखिल झारखंड पिछड़ा वर्ग महासभा ने झारखंड की राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. इसमें कहा गया है कि मंडल कमीशन की अनुशंसा तथा राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रारंभ से ही पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है.
बिहार, केरल, आंध्रप्रदेश में पिछड़े वर्गों को इससे अधिक आरक्षण दिया जाता है. झारखंड में पिछड़े वर्गों की स्थिति दयनीय है. इसकी आबादी 54 प्रतिशत है. पिछड़ा वर्ग सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़ा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने राज्य में आरक्षण की सीमा 73 प्रतिशत की थी. इसमें पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का लाभ 27 प्रतिशत दिया गया था. महासभा ने राज्यपाल से झारखंड राज्य की पिछड़ी जातियों को सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों तथा सरकारी व गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए समुचित कार्रवाई करने की मांग की है.
महासभा के संयोजक सह आजसू के केंद्रीय सचिव गुड्डू यादव ने कहा कि तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के सभी नियुक्तियां जिला स्तरीय कर दी गयी है. इसका प्रतिकूल प्रभाव पिछड़ी जातियों के नियुक्तियों पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सात अनुसूचित जिलों में पिछड़ी जातियों का आरक्षण शून्य है, जबकि अन्य जिलों में अपेक्षाकृत अत्यंत ही कम है. पत्र सौंपने वालों में महासभा के संयोलक विजय साहू, गुड्डू, रविशंकर, सत्यनारायण महतो, संतोष कुमार महतो, राजा साहनी शामिल हैं.

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