हमारी संस्कृति में पाप है अन्न की बर्बादी करना : प्राचार्य
हमारी संस्कृति में पाप है अन्न की बर्बादी करना : प्राचार्य
प्रतिनिधि, भुरकुंडा
श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में बुधवार को विश्व खाद्य दिवस मनाया गया. इस अवसर पर भाषण, शपथ ग्रहण, वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. शिक्षकों ने बच्चों को खाद्यान्न का महत्व समझाते हुए इसकी बर्बादी को रोकने के लिए स्वयं जागरूक रहने व परिवार को भी जागरूक करने की बात कही. शिक्षकों व विद्यार्थियों ने अन्न बर्बाद नहीं करने का संकल्प लिया. प्राचार्य विवेक प्रधान ने कहा कि भारतीय संस्कृति में अन्न को देवता माना जाता है. उसकी पूजा की जाती है. हमारे यहां खाने को बर्बाद करना पाप माना जाता है. इसके बाद भी लोग अन्न को बर्बाद करते हैं. शादी-विवाह आदि उत्सवों पर जुटने वाली भीड़ भी खाना बर्बाद करती है. ऐसी बुरी आदतें हमारे जीवन का हिस्सा बन गयी है. खाने की बर्बादी को रोकना हम सबकी नैतिक जिम्मेवारी है. निदेशक एसके चौधरी ने कहा कि भले ही दुनिया काफी आधुनिक हो गयी हो, लेकिन अभी भी लाखों लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए तरसना पड़ता है. विशेष सत्र में शिक्षिका साधना सिन्हा ने खाने का महत्व, सुरक्षा व भुखमरी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. स्वस्थ भोजन, स्वच्छ पेयजल व संतुलित आहार के लाभ के बारे में बताया. भोजन व पानी की बर्बादी नहीं करने के लिए प्रेरित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है