चैनपुर. सीसीएल कुजू क्षेत्र की सारूबेड़ा परियोजना का आटउसोर्सिंग कार्य वेतन भुगतान को लेकर पिछले डेढ़ माह से बंद है. बताया जाता है कि खदान से कोयला निकालने में लगी कृष्णा इंटरप्राइजेज कंपनी के कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान नहीं हुआ है. इसके कारण कर्मी काम करने नहीं आ रहे हैं. हालांकि, ओसीपी वर्कशॉप के समीप स्टॉक कोयला को ई -ऑक्शन के माध्यम से डीओ होल्डरों को दिया जा रहा है. अभी परियोजना के पास 12 हजार 947 टन कोयले का स्टॉक है. इस संबंध में सारूबेड़ा परियोजना पदाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने कुछ भी बताने से इंकार किया. आउटसोर्सिंग कार्य बंद होने से खदान में भरा पानी : डेढ़ माह से खदान में आउटसोर्सिंग कार्य बंद रहने से खदान में पानी भर गया है. अब अगर आउटसोर्सिंग का कार्य चालू भी होता है, तो कंपनी को पानी निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. उल्लेखनीय हो कि भूमि विवाद को लेकर वर्ष 2020 में सारूबेड़ा परियोजना बंद हो गयी थी. प्रबंधन ने परियोजना को चालू करने को लेकर काफी प्रयास किया. इस वर्ष 14 मई से परियोजना फिर से शुरू हुई. परियोजना की खदान से कोयला निकालने के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार की उम्मीद जगी थी, लेकिन दोबारा खदान से आउटसोर्सिंग का कार्य बंद होने से लोगों में निराशा है. परियोजना कभी भी चालू हो सकती है : इस संबंध में सीसीएल कुजू महाप्रबंधक राजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि सारूबेड़ा परियोजना में आउटसोर्सिंग कार्य में लगायी गयी कृष्णा इंटरप्राइजेज कंपनी की अपनी समस्या है. इसके कारण कार्य बंद है. उन्होंने कहा कि परियोजना कभी भी चालू हो सकती है.
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