कुमार आलोक, भुरकुंडा
भुरकुंडा लोकल सेल में करीब आठ हजार टन कोयले में कई दिनों से आग लगी हुई. हालांकि, सीसीएल प्रबंधन इस पर लगातार पानी डाल रहा है. काफी प्रयास के बाद भी आग को बुझाया नहीं जा सका है. कोयले से लगातार धुएं का गुबार उठ रहा है. दरअसल, पिछले कई वर्षों से बंद भुरकुंडा लोकल सेल को खोलने के लिए चल रहे आंदोलन के बीच सीसीएल प्रबंधन ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए बीते मार्च महीने में ही लोकल सेल में कोयले का आवंटन कर दिया था. कोयला आवंटित होने के बाद उसे लोकल सेल में स्टॉक किया गया. उम्मीद थी कि कुछ दिनों में सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए लोकल सेल चालू कर दिया जायेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. मामला लोकल सेल में भागीदारी को लेकर उलझता चला गया. कई दौर की बैठकों के बाद भी दावेदार समितियों के बीच अब तक हिस्सेदारी को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन सकी है. नतीजा लोकल सेल चालू नहीं हो सका है. सेल चालू नहीं होने से कोयले का उठाव भी नहीं हो सका. इसी कोयले के स्टॉक में आग लगी हुई है. बताया गया कि सेल से कोयला उठाव की अंतिम डेडलाइन आठ जुलाई है. आठ जुलाई तक कोयला उठाव नहीं होने पर प्रबंधन इसे अपने अंडर लेते हुए रैक के माध्यम से अन्यत्र भेज देगा. पिछले कई साल से बंद भुरकुंडा लोकल सेल के खुलने की उम्मीदें दम तोड़ने लगी है. सेल में दर्जन भर समितियां भागीदारी को लेकर दावा कर रही हैं. उनके बीच समन्वय नहीं बन पा रहा है. इधर, प्रबंधन ने बताया कि लोकल सेल के लिए दूसरे चरण में लगभग 11 हजार टन कोयले की बीडिंग हुई है. यदि लोकल सेल जल्द शुरू नहीं हुआ, तो यह कोयला लैप्स कर जायेगा. पीओ मनोज कुमार पाठक ने कहा कि कोयले में आग लगने से सीसीएल को नुकसान पहुंच रहा है. दमकल वाहनों को भेज कर कोयले पर लगातार पानी डालने का काम जारी है.
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