Loading election data...

रामगढ़ में फर्जी कागजातों पर लोन दिलाने वाले दो सरगना को CID ने दबोचा

इसके साथ दर्जनों लोगों के आधार, पैन, पासबुक, चेकबुक आदि भी मिले. टीम ने कार्यालय के कंप्यूटर व लैपटॉप को जब्त कर लिया. फर्जी दस्तावेज पर लोन का मामला पाये जाने के बाद टीम ने कमल सिंह को गिरफ्तार कर लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2023 1:00 AM
an image

पतरातू: झारखंड के विभिन्न एसबीआइ शाखाओं से फर्जी कागजात पर लाखों रुपये लोन पास कराने वाले पतरातू निवासी दो सरगना कमल कुमार सिंह उर्फ रंजीत सिंह व मो जमीर को सीआइडी रांची की टीम ने शुक्रवार को दबोच लिया. सीआइडी की एक टीम ने कमल सिंह के पीटीपीएस रोड नंबर आठ स्थित आवासीय कार्यालय में छापामारी की. जबकि दूसरी टीम ने पीटीपीएस न्यू मार्केट स्थित मो जमीर के घर पर छापामारी शुरू की. सुबह साढ़े दस बजे से शुरू हुई छापेमारी करीब चार घंटे तक चली. इस दौरान कमल सिंह के आवासीय कार्यालय से बड़ी संख्या में लोन संबंधी कागजात मिले.

इसके साथ दर्जनों लोगों के आधार, पैन, पासबुक, चेकबुक आदि भी मिले. टीम ने कार्यालय के कंप्यूटर व लैपटॉप को जब्त कर लिया. फर्जी दस्तावेज पर लोन का मामला पाये जाने के बाद टीम ने कमल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. कार्यालय में कार्यरत तीन कर्मियों पतरातू मेहुल कुमार व बिट्टू रजक, रामगढ़ के राहुल कुमार को भी अपने साथ रांची ले गयी. इसी तरह दूसरी टीम ने भी फर्जी दस्तावेज पर लोन पास कराने का प्रमाण मिलने पर मो जमीर को भी गिरफ्तार कर रांची ले गयी. बताया जाता है कि रामगढ़ एसबीआइ ब्रांच में कार्यरत एक अधिकारी की शिकायत के बाद सीआइडी ने यह कार्रवाई की है.

Also Read: रामगढ़ : 14 एकड़ भूमि पर खेती कर रहे हैं दुधेश्वर, पर पानी की कमी से मर रही है फसल

यह अधिकारी इन दोनों के आतंक से इतना परेशान था कि सीआइडी को लिखे पत्र में कहा है कि यदि सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा. कमल व जमीर के बारे में बताया है कि दोनों फर्जी दस्तावेज पर लोन पास करने का दबाव बनाते हैं. लोन पास नहीं करने पर आपराधिक गिरोह से जान से मारने की धमकी दिलवाते हैं. एसबीआइ के खाताधारकों को झांसे में लेकर कमीशन के लिए लोन दिलवाने का काम करते हैं. एसबीआइ के रामगढ़, रांची, बोकारो, धनबाद, कोडरमा, हजारीबाग के ब्रांचों में कार्यरत अधिकारी इनके आतंक से त्रस्त हैं.

कौन है कमल सिंह, कैसे दिलाता था लोन : 

कमल सिंह आठ दस साल पहले बेहद मामूली व्यक्ति था. लोग बताते हैं कि गोमिया से पतरातू वह किसी एसबीआइ अधिकारी की जान-पहचान पर आया था. उसी समय से यह लोन कराने के धंधे में उतरा. जब इसका दायरा बढ़ा, तो इसने भुरकुंडा स्थित एसबीआइ लपंगा के नीचे बकायदा अपना लोन ऑफिस खोल दिया. करीब पांच-छह वर्ष पूर्व स्थिति यह थी कि लपंगा ब्रांच का कोई भी लोन बिना इसकी मुहर का पास नहीं होता था. इसके लिए कमल सिंह स्थानीय पुलिस, नेता, अधिकारी, मीडिया व आपराधिक गिरोह को मैनेज करता था. जब जैसी जरूरत पड़ती, उसका इस्तेमाल बैंक अधिकारियों को डराने-धमकाने व लोन पास कराने में करता था. धीरे-धीरे इसका नेटवर्क बढ़ता चला गया. उसने अपने नीचे दर्जनों लड़कों को पैसा देकर इस धंधे में लाया. चंद दिनों में ही बाइक से चलने वाला कमल लग्जरी गाड़ियों में चलने लगा.

Exit mobile version