रामगढ़. पिछले माह स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के नाम पर फर्जी निकासी का मामला सामने आया था. स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आदेशपाल अमजद हुसैन व उसकी पत्नी लैब टेक्नीशियन सरिता द्वारा चिकित्सकों के नाम से भुगतान अपने खाते में डालने की बात सामने आयी थी. इसके बाद आदेशपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. उपायुक्त ने इस घोटाले की जांच के लिए एसडीओ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनायी थी. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है. उक्त जानकारी उपायुक्त चंदन कुमार ने शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन में दी. उपायुक्त ने बताया कि जो जांच रिपोर्ट आ गयी है, लेकिन वह अभी पूर्ण नहीं है. पूरे मामले की जांच किसी बड़ी एजेंसी से कराने की आवश्यकता है. अभी तक जो रिपोर्ट सामने आयी है, उसके अनुसार तीन करोड़ 90 लाख रुपये के घोटाले का राज खुला है. बहुत सारे रजिस्टर व कैश बुक जांच कमेटी को उपलब्ध नहीं कराये गये हैं. रजिस्टर व कैश बुक के गायब होने की बात डीपीएम द्वारा कही जा रही है. उधर, जांच कमेटी की रिपोर्ट में दर्शाये गये सभी व्यक्तियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तथा समय -समय पर फर्जी तरीके से निकासी का दोषी मानते हुए बडे पैमाने पर जांच की आवश्यकता जतायी गयी है. उपायुक्त ने पूरे मामले की व्यापक जांच के लिए सीआइडी जांच की अनुशंसा करते हुए झारखंड सरकार को रिपोर्ट भेजी है.
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