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आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है जतरा मेला

आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है जतरा मेला

By Prabhat Khabar News Desk | November 3, 2024 10:25 PM

प्रतिनिधि, भुरकुंडा

हरिहरपुर पंचायत के बिरसा सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में रविवार को सोहराय डायर जतरा मेला का आयोजन किया गया. मेला का उद्घाटन अतिथियों ने किया. अतिथियों ने कहा कि सोहराय जतरा मेला झारखंड के आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है. यह आयोजन फसल कटाई के बाद होता है. इसमें आदिवासी समाज अपने पशुओं व प्रकृति के प्रति प्रेम-आभार प्रकट करता है. जतरा मेला आदिवासी जीवन शैली, रीति-रिवाज व परंपराओं का प्रतीक है. मेला के आयोजन से लोगों को एक-दूसरे से मिलने का भी मौका मिलता है, जिससे उनकी एकता और मजबूत होती है. हमें इस संस्कृति को बचाने व आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए. मेला में हरिहरपुर, बीचा, गेगदा, बरघुटूवा, जराद, लबगा, सालगो, सुथरपुर, सांकी के सैकड़ों ग्रामीण जुटे थे. कलाकारों ने गीत-नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया. मौके पर मुखिया गीता देवी, सीताराम मुंडा, चरेंद्र बेदिया, अमरनाथ महतो, भुवनेश्वर मेहता, धनेश्वर महतो उपस्थित थे. आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष रामनरेश महतो, सचिव प्रेम कुमार महतो, संरक्षक पूर्व जिप सदस्य सुरेश महतो, भरत कुमार महतो, सुखदेव महतो, सुरेंद्र कुमार, कलदेवनाथ महतो, कालेश्वर महतो, मोतीलाल, मुनेश कुमार, जितेंद्र कुमार, राजेश कुमार, रानू करमाली, विकास कुमार, विकास कुमार, पंचित महतो, रवींद्र बेदिया, मतिलाल बेदिया, वीरेंद्र कुमार, अजय, सूरज, संजय का योगदान रहा.

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