दसलक्षण महापर्व : जैन धर्मावलंबियों ने की उत्तम क्षमा धर्म की पूजा
दसलक्षण महापर्व : जैन धर्मावलंबियों ने की उत्तम क्षमा धर्म की पूजा
प्रतिनिधि, रामगढ़
मेन रोड स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर व रांची रोड स्थित श्री पार्श्वनाथ जिनालय में दसलक्षण महापर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा की गयी. रविवार को दोनों मंदिरों मे दसलक्षण पर्व विधान का मांडला मांडा गया. मुख्य कलश व चार अन्य कलश को स्थापित किया गया. मांडला जी में अष्ट धातु के आठ अष्ट मंडल स्थापित किया गया. रामगढ़ मंदिर में प्रथम अभिषेक अरुणा जैन, रमेश सेठी, विकास सेठी, अमित सेठी, विमल चंद रावका, विनोद जैन रावका, विद्याप्रकाश पदम चंद छाबड़ा, पुष्पा अजमेरा ने और रांची रोड मंदिर में अमराव देवी पाटनी ने पूजा की. रामगढ़ मंदिर में अमराव देवी पाटनी, मानिक चंद जैन पाटनी तथा रांची रोड मंदिर में अमराव देवी पाटनी व मानिक चंद जैन ने शांतिधारा कार्यक्रम किया. रामगढ़ मंदिर में मीना पाटनी व रांची रोड मंदिर में विनोद सेठी ने कलश की स्थापना की. चार अन्य कलश की स्थापना रामगढ़ मंदिर में ललिता जैन, रेणु चूड़ीवाल, सुनीता चूड़ीवाल, ममता गंगवाल ने तथा रांची रोड मंदिर में सुभाष पाटनी, प्रमोद सेठी, आशीष जैन व नितेश सेठी ने की. अष्ट मंडल की स्थापना बीना बागड़ा, ममता बागड़ा, निशा बागरा, प्रतिभा सेठी, शारदा अजमेरा, प्रिया पाटनी, उषा अजमेरा, स्नजना गंगवाल ने की. दीप प्रज्वलन अरुणा जैन ने किया. महेंद्र बागड़ा, बीना बागड़ा परिवार व पदम सेठी परिवार ने महाआरती की. पंडित रमेश जैन शास्त्री ने बताया कि संसार में प्रत्येक मानव प्राणी के लिए क्षमा रूपी शास्त्र आवश्यक है. जिनके पास यह क्षमा नहीं होती, वह मनुष्य इस संसार में अपने इष्ट कार्य की सिद्धि नहीं कर सकता है. क्षमा आत्मा का धर्म है. जो मानव अपना कल्याण चाहते हैं, उन्हें हमेशा इस भावना की रक्षा करनी चाहिए. मौके पर मानिक चंद जैन व देवेंद्र गंगवाल ने कहा कि कल उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की जायेगी.
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