पढ़ाई- लिखाई करने के बाद 14 एकड़ भूमि को लीज पर लेकर खेती कर रहा है रामगढ़ का दुधेश्वर यादव

इस संबंध में किसान दुधेश्वर यादव ने बताया कि करीब 14 एकड़ भूमि को लीज पर लेकर तरह-तरह की फसल लगाकर अपना जीविकोपार्जन कर रहा है. लेकिन इस बार हमको काफी नुकसान उठाना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2023 12:18 AM
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राजू कुमार, चैनपुर :

आम तौर पर पढ़ाई- लिखाई करने के बाद लोग खेती-बारी दूरी बनाकर बाहर पढ़ने चले जाते है. लेकिन बड़गांव पंचायत के भुईयांडीह निवासी दूधेश्वर यादव (पिता विशुन गोप) करीब 14 एकड़ भूमि को लीज पर लेकर खेती कर रहा है. लेकिन इन दिनों वह काफी परेशान है, वजह पानी के बिना मर रहे टमाटर और शिमला मिर्च के फसल. उन्होंने बैंक करीब 1 लाख रुपये व अपने रिश्तेदारों व जमापूंजी सारी रकम इस खेती के लिए लगा दिया. लेकिन अब काफी चिंतित है कि कैसे उसका फसल बच सके. मर रहे फसल को देखकर उनका कहना है कि बरसात के पानी को देखकर मैंने टमाटर व शिमला मिर्च के फसल लगाये, ताकि इस ठंड के मौसम उसका अच्छा दाम मिल सके. लेकिन पानी की कमी के कारण अब हमारे फसल पूरी तरह मर रहे हैं.


14 एकड़ भूमि को लीज पर लेकर खेती कर रहा है दुधेश्वर

इस संबंध में किसान दुधेश्वर यादव ने बताया कि करीब 14 एकड़ भूमि को लीज पर लेकर तरह-तरह की फसल लगाकर अपना जीविकोपार्जन कर रहा है. लेकिन इस बार हमको काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. मैने टमाटर व शिमला मिर्च के फसल तो लगाये, लेकिन अब पूरी तरह से सूखने के कगार पर है. उन्होंने बताया कि जमीन के आस-पास के कोई कुआं भी नहीं है जिसके माध्यम से पटावन का कार्य कर सके. मैने बरसाती पानी को देखकर उक्त फसल लगाये. लेकिन जो पूरी तरह बेकार साबित हुआ.

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क्या कहते है कृषि विज्ञान केंद्र मांडू के वैज्ञानिक

इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र मांडू के वैज्ञानिक डॉ इंद्रजीत ने बताया कि मुरझा बीमारी कारण भी टमाटर का पौधा फल फूल के समय मरने लगता है इसके उपाय रूप में स्टेट्रो साइकलिंग और ब्लू कॉपर का घोल बनाकर टमाटर के जड़ में देने से टमाटर का पौधा बचाया जा सकता है. डॉ इंद्रजीत ने बताया कि यदि कुआं में पानी की मात्रा कम है तो किसानों को टपक सिंचाई विधि को अपनाने की सलाह दी. टपक सिंचाई विधि को अपनाने से पानी की बचत होती है.

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