सकारात्मक रहकर एग्जाम फोबिया को कर सकते हैं पराजित

सकारात्मक रहकर एग्जाम फोबिया को कर सकते हैं पराजित

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 10:20 PM

भुरकुंडा. विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा की तिथि घोषित हो चुकी है. विद्यार्थी अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. शिक्षक भी विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन देने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. सबका एक ही लक्ष्य है, अच्छे अंकों से परीक्षा में सफलता पाना. इन सभी प्रयास के बाद भी कई विद्यार्थियों में एग्जाम फोबिया का भय देखने को मिलता है. ऐसे में उनके लिए लगातार काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है. विद्यार्थियों को एग्जाम फोबिया के भय से बाहर निकालने के लिए गुरुवार को श्री अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में विशेष काउंसलिंग का आयोजन हुआ. इसका उद्घाटन काउंसलर मुख्तार सिंह व प्राचार्य विवेक प्रधान ने किया. इस विशेष सत्र में बोर्ड के विद्यार्थी शामिल हुए. विद्यार्थियों को इस एग्जाम फोबिया से बाहर निकलने का तरीका बताया गया. प्राचार्य विवेक प्रधान ने कहा कि एग्जाम फोबिया ऐसा खतरा है, जिसे सकारात्मक रह कर आसानी से पराजित किया जा सकता है. असफलता का डर इस फोबिया का मुख्य कारण है. यह केवल आंतरिक ही नहीं, बल्कि बाहरी वातावरण से भी उत्पन्न हो सकता है. परीक्षा को लेकर माता-पिता की अधिक सख्ती भी इसका प्रमुख कारण है. काउंसलर मुख्तार सिंह ने कहा कि परीक्षा फोबिया के डर पर काबू पाने का मुख्य तरीका है पूर्णतावादी होने से बचना. हर चीज में परिपूर्ण होने के बजाय, हमें असफलताओं को भी स्वीकार करना सीखना चाहिए. कोई भी व्यक्ति हर चीज में असाधारण नहीं हो सकता है. हर किसी की अपनी ताकत व कमजोरी होती है. हम इंसान हैं, कंप्यूटर या रोबोट नहीं. इसलिए हमें परिपूर्ण होने से बचना चाहिए. काउंसलर ने एग्जाम फोबिया से बचने के लिए विद्यार्थियों को पांच बिंदुओं का हमेशा ध्यान रखने की दी सलाह. 1. अच्छी तैयारी करें : अध्ययन के लिए रूटीन बना कर उसका पालन करें. पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें. एक बार में एक ही सवाल पर ध्यान केंद्रित करें. 2. आत्मविश्वास बढ़ाएं : जब आप अच्छी तरह से तैयार होते हैं, तो आपको आत्मविश्वास महसूस होता है. आत्मविश्वास बढ़ता है, तो डर कम होता है. 3. सकारात्मक आत्म चर्चा करें : जब भी आपको लगे कि आपकी चिंता बढ़ रही है, तो सकारात्मक आत्म चर्चा करें. परिवार व दोस्तों के बीच भी समय बिताएं. 4. ध्यान करें : अपने मन को शांत करने व अपनी एकाग्रता में सुधार करने के लिए हर दिन 10-15 मिनट ध्यान करें. नाक से गहरी सांस लें व मुंह से छोड़ें. पर्याप्त नींद भी लें. 5. शिक्षकों से सहायता लें : अगर आपको किसी विषय में कठिनाई हो रही है, तो अपने शिक्षकों से सहायता लें. उनके सुझाव से आपको सही रास्ता मिलेगा.

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