समस्याओं से जूझ रहे है किसान
गोला प्रखंड कृषि बाहुल्य क्षेत्र है, यह कृषि का हब माना जाता है.
फोटो फाइल : 11 चितरपुर ए – गोला डेली मार्केट फोटो फाइल : 11 चितरपुर बी – किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सुनील कुशवाहा पांच करोड़ रुपये से हो रहे सुंदरीकरण कार्य छह साल के बाद भी अधूरा सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, रजरप्पा गोला प्रखंड कृषि बाहुल्य क्षेत्र है, यह कृषि का हब माना जाता है. पिछले कई दशक से गोला में डेली मार्केट लग रहा है. यहां प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से हजारों किसान सब्जी लेकर पहुंचते है. लेकिन मार्केट में समस्याओं का अंबार है. मार्केट में किसान समस्याओं से जूझ रहे है. किसान यहां गंदगी के बीच सब्जी बेचने को मजबूर है. मार्केट में जहां-तहां मलमूत्र त्याग देने से दिनभर बदबू आते रहती है. किसानों का कहना है कि इन्हीं स्थानों में बैठ कर सब्जी बेचना पड़ता है. यहां गंदगी के कारण हमेशा संक्रमण बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है. किसान बूंद – बूंद पानी को तरसते है. इन्हें पेयजल के लिए जहां-तहां भटकना पड़ता है. बताते चले की यहां सब्जी खरीदारी को लेकर बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा सहित कई जगहों से व्यापारी आते है. लेकिन गाड़ी पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण इन्हें काफी परेशानी होती है. सुंदरीकरण का कार्य छह वर्ष से अधूरा गोला डेली मार्केट परिसर का सुंदरीकरण कार्य छह साल पहले 2018 में शुरू किया गया था. यह कार्य विशेष प्रमंडल विभाग द्वारा लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से किया जाना था. जिसमें 172 स्टॉल बनाने की स्वीकृति मिली थी. यहां व्यापारियों और किसानों के लिए शेड, स्टैंड शौचालय सहित कई कार्य किया जाना था. लेकिन संवेदक ने अबतक इसे पूरा नहीं किया. जिससे आज भी किसानों के सपने अधूरे हैं. अतिक्रमण है सबसे बड़ी समस्या बताया जाता है कि गोला डेली मार्केट कई एकड़ भूमि में अवस्थित है. लेकिन, अतिक्रमण के कारण बाजार संकुचित हो गया है. प्रशासन की लापरवाही से धीरे-धीरे अतिक्रमण और बढ़ रहा है. जिस कारण गोला डेली मार्केट का अस्तित्व खतरे में है. इधर कुछ वर्षों में यहां किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. लोगों का कहना है कि अगर यहां अतिक्रमण हटेगा, तो बाजार के लिए पर्याप्त जगह मिलेगा. किसानों को धूप और बारिश में होती है परेशानी : सुनील किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सुनील कुशवाहा ने कहा कि डेली मार्केट में बारिश और धूप में किसानों को काफी परेशानी होती है. बारिश के दिनों में किसानों की सब्जियां भींग जाती है, जिससे सब्जियां खराब हो जाती है. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में जो भी प्रत्याशी विधायक बने, वे सबसे पहले किसानों की समस्या को दूर करें.
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