बारिश होते ही खेतों की जुताई में जुटे किसान, खरीफ फसल की खेती शुरू

मॉनसून का आगमन हो गया है. जगह जगह बारिश भी हो रही है. इससे किसान काफी खुश हैं. किसान अपने- अपने खेतों की जुताई में जुट गये हैं. कहीं-कहीं फसल की खेती भी शुरू हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2020 5:56 AM

कुजू : मॉनसून का आगमन हो गया है. जगह जगह बारिश भी हो रही है. इससे किसान काफी खुश हैं. किसान अपने- अपने खेतों की जुताई में जुट गये हैं. कहीं-कहीं फसल की खेती भी शुरू हो गयी है. पिछले साल इस समय तक खरीफ फसल की खेती शुरू हो गयी थी. इस बार अब तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है. किसान आसमान की ओर नजर लगाये हुए थे. आषाढ़ माह के प्रथम सप्ताह में बारिश नहीं होने से किसान परेशान दिख रहे थे. रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो गया है. रोहिणी नक्षत्र में बारिश की स्थिति ठीक नहीं रही. इससे किसान मायूस थे.

मृगशिरा नक्षत्र में मॉनसून के आगमन से किसानों में उत्साह है. इस संबंध में वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वर्ष बारिश की स्थिति ठीक रहेगी और फसलें भी होंगी. बारिश होते ही किसान अपने- अपने काम में जुट गये हैं. रोहिणी नक्षत्र में वर्षा नहीं होने से नहीं हो पायी है बुआई : किसान चेतलाल महतो ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो गया है. इस नक्षत्र में बारिश हुई ही नहीं. सात जनू से मृगशिरा नक्षत्र आ गया है. इसमें बारिश होना किसानों के लिए आवश्यक है. रोहिणी नक्षत्र में बारिश नहीं होने से किसान खरीफ फसल की भी बुआई नहीं कर पा रहे थे. मौसम बदलने से किसान खुश हैं.

अधिक विलंब नहीं हुआ है : कच्चाडाड़ी के किसान राजनाथ महतो का कहना है कि किसान मॉनसून के साथ जुआ खेलते हैं. मॉनसून ठीक रहने से खेती अच्छी होती है. शुरू के रोहिणी नक्षत्र में वर्षा नहीं होने से केवल खेत की जुताई ही हुई थी. मृगशिरा नक्षत्र में मॉनसून प्रवेश कर गया है. हम सब उत्साहित हैं. खेती के लिए पूरा परिवार जुट गया है. मृगशिरा नक्षत्र 21 जून तक रहेगा. इसके बाद 22 जून से आर्द्रा नक्षत्र का प्रवेश होना है.

इन दोनों नक्षत्रों में किसानों के लिए बारिश आवश्यक है. इस वर्ष बेहतर खेती की है उम्मीद : डॉ दुष्यंत राघव मांडू कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ दुष्यंत राघव ने कहा कि जिले में मॉनसून प्रवेश कर गया है. स्थिति भी सामान्य रहेगी. चार-पांच दिन तक प्रतिदिन 20 -25 एमएम बारिश होगी. इससे खेतों में नमी रहेगी. किसान खेत में मेढ़बंदी कर जुताई शुरू कर दें. अरहर, उड़द व तिल की खेती शुरू कर दें.

Posted by : Pritish Sahay

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