PHOTOS: रामगढ़ में हेमंत सोरेन ने की बाहा पूजा, गोमिया में सरहुल पूजा में शामिल हुए योगेंद्र प्रसाद
Hemant Soren Baha Parv: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पैतृक गांव नेमरा में बाहा पर्व में शामिल हुए. उधर, मंत्री योगेंद्र प्रसाद गोमिया में सरहुल महापर्व में शामिल हुए.

Hemant Soren Baha Parv| रामगढ़/बोकारो, सलाउद्दीन/नागेश्वर : झारखंड में बाहा पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रामगढ़ में बाहा पर्व पर पूजा-अर्चना की. ढोल बजाकर झारखंड की खुशहाली की कामना की. वहीं, उनकी कैबिनेट के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बोकारो जिले को गोमिया प्रखंड में सरहुल पर्व मनाया. मंत्री जी मांदर की थाप पर थिरकते भी नजर आये.
हेमंत सोरेन ने पैतृक गांव नेमरा में सपरिवार की बाहा पूजा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पैतृक गांव नेमरा में बाहा पर्व मनाया. हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और परिवार के अन्य सदस्य भी इस पूजा में शामिल हुए. गोला प्रखंड के नेमरा गांव में हेमंत सोरेन के आने से पहले ही बाहा पर्व की व्यापक तैयारी की गयी थी.
शनिवार को रामगढ़ पहंचने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्वागत जिले के उपायुक्त चंदन कुमार और एसपी अजय कुमार ने किया. मुख्यमंत्री ने पूजा-अर्चना करने के बाद ढोल भी बजाया. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की सुख, शांति, समृद्धि और स्वस्थ जीवन की कामना की.
इस अवसर पर रामगढ़ की विधायक ममता देवी, चित्रगुप्त महतो, बजरंग महतो, विनोद किस्कू के अलावा कांग्रेस और झामुमो के कई नेता मौजूद थे. मुख्यमंत्री बाहा पर्व में परिवार के सभी सदस्यों के साथ शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सभी को प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए. परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए.
सामाजिक एकता का प्रतिक है सरहुल महोत्सव – योगेंद्र प्रसाद
बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के बड़कीपुन्नू पंचायत के फुटकाडीह गांव सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया. शनिवार को आयोजित इस महोत्सव में झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद शामिल हुए. मंत्री का स्थानीय लोगों ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया. इस अवसर पर मांदर की थाप पर मंत्री जी ग्रामीणों के साथ नाचते नजर आये. उन्होंने सरना स्थल पर माथा टेका और क्षेत्र एवं क्षेत्र के लोगों की सुख, शांति और वैभव की मंगलकामना की.
मंत्री ने सरहुल के महत्व के बारे में बताया. कहा कि प्राकृतिक और धार्मिक महत्व के अलावा यह महापर्व सामाजिक एकता का भी प्रतीक है. यह पर्व सामाजिक बंधन को प्रगाढ़ बनाता है. प्रकृति के साथ जुड़ाव और लगाव हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. हमारी संस्कृति हमें प्रकृति से जुड़कर रहने और सदैव इसका संरक्षण करने की प्रेरणा देती है. मंत्री ने कहा कि दुनिया भर के लोग आज पर्यावरण को बचाने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं. प्रकृति की रक्षा और उसकी पूजा करना हमारी सदियों पुरानी गौरवशाली परंपरा है. मौके पर नव निर्वाचित झामुमो प्रखंड अध्यक्ष लुदू मांझी, पूर्व मुखिया संजय कुमार के अलावा काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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