रामगढ़ : आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत देश में कोविड- 19 को आपदा घोषित किया गया है. रामगढ़ जिले में निजी अस्पताल, क्लिनिक या कंपनी के अस्पतालों से कोरोना के लक्षण वाले मरीज आने पर सिविल सर्जन को जानकारी देनी है. कई मामलों में कोविड -19 जैसे लक्षण के कारण मरीज को दूसरे जगह कोरोना जांच व इलाज के लिए रेफर किया जाता है. इसकी सूचना भी सिविल सर्जन को दी जानी है.
इस संबंध में पूर्व में ही जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है. जिला कार्यालय व सदर अस्पताल को जानकारी नहीं रहने के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आये अन्य लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा रहता है. इससे जिला प्रशासन को अधिक संख्या में कंटेनमेंट जोन व बफर जोन बनाना पड़ रहा है.
उपायुक्त द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत प्रदत्त शक्तियों के आलोक में कई आदेश दिये हैं. जिले के सभी निजी अस्पताल, क्लिनिक, कंपनी अस्पताल के प्रबंधक व संचालक, उनके अस्पताल व क्लिनिक में कोरोना वायरस के लक्षण वाले आये मरीजों से संबंधित व्यक्ति की जांच, इलाज या रेफर किये गये मरीजों से संबंधित पूर्ण जानकारी सिविल सर्जन को प्रतिदिन शाम चार बजे अनिवार्य रूप से इ मेल csramgarh@gmail.com व व्हाट्स एप 9955160921 पर भेजेंगे.
उक्त निर्देश का पालन नहीं करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 (क) व (ख) में वर्णित प्रावधान के अनुसार एक वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों दिया जा सकता है. प्रभावितों के जान-माल की क्षति पर दोषी सिद्ध होने पर कारावास की अवधि दो वर्ष के लिए किये जाने का प्रावधान के तहत दंडित किया जा सकता है.
चार मरीज ठीक हुए
रामगढ़ : कोविड-19 जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शनिवार को रामगढ़ जिला अंतर्गत चार व्यक्तियों को डॉक्टर व अधिकारियों ने स्पेशल कोविड हॉस्पिटल से उनके घर भेजा. ठीक हुए व्यक्तियों (दो पुरुष, एक महिला व एक बच्ची) में एक पतरातू व तीन रामगढ़ प्रखंड से हैं. घर जाने से पूर्व उसे होम कोरेंटिन, कोरोना संबंधित किसी प्रकार के लक्षण दिखने पर जिला नियंत्रण कक्ष, सदर अस्पताल कंट्रोल रूम अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने के संबंध में जानकारी दी गयी.