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जागरूकता से जिले के एड्स रोगियों में आयी कमी, 55 लोग हैं ग्रसित

जागरूकता से जिले के एड्स रोगियों में आयी कमी, 55 लोग हैं ग्रसित

सुरेंद्र कुमार / शंकर पोद्दार, रजरप्पा कुछ दशक पहले एड्स बीमारी का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते थे, लेकिन आज जागरूकता के कारण निरंतर एड्स बीमारी में कमी आयी है. एड्स के रोगी सामान्य जीवन जी रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, रामगढ़ जिला में लगभग 45 से 55 लोग एड्स से ग्रसित हैं. इनका इलाज रामगढ़ स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर रिम्स और हजारीबाग में चल रहा है. इनके जीवन में सुधार आ रहा है. वर्ष 2014-15 में रामगढ़ जिला में लगभग 80 से 90 एड्स के मरीज थे. 2024 तक इसमें काफी कमी आयी है. जानकारी के अनुसार, ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआइवी) एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) रोग का कारण बनता है. इससे शरीर में कई तरह के संक्रमण उत्पन्न हो जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे मरीज की मौत हो जाती है. बताते चले कि एड्स रोगी की जानकारी मिलते ही आस-पास के लोग दूरी बना लेते हैं. समाज के भय से भी कई रोगी अपने अंदर के बीमारी को छिपा लेते हैं. चिकित्सकों के अनुसार यह छुआछूत वाली बीमारी नहीं है. एड्स के मरीजों को आस-पास के लोगों का मानसिक सहयोग की जरूरत होती है. प्रवासी मजदूरों व ट्रक चालकों को जागरूक करना है : जानकारों का कहना है कि जानकारी के अभाव में लोग एड्स की चपेट में आते हैं. खास कर प्रवासी मजदूर व ट्रक चालकों को जागरूक करने की आवश्यकता है. उन्हें समय – समय पर बीमारियों की जांच करानी चाहिए. जागरूकता से ही होगा एड्स से बचाव : सिविल सर्जन : रामगढ़ सिविल सर्जन डॉ महालक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि जागरूकता ही एड्स बीमारी का सही बचाव है. उन्होंने बताया कि एचआइवी से बचाव को लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है. सुरक्षित यौन संबंध, एचआइवी और यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआइ) के लिए जांच, अन्य दवा इंजेक्शन उपकरणों को साझा नहीं करने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले तरीकों को अपनाकर इससे बचाव किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार एड्स से बचाव को लेकर कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं. इसमें अलग-अलग क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रम कर लोगों को इससे बचाव की जानकारी दी जाती है.

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