साक्ष्य उपलब्ध नहीं करायेंगे, तो होगी प्राथमिकी : डीसी
साक्ष्य उपलब्ध नहीं करायेंगे, तो होगी प्राथमिकी : डीसी
रामगढ़. रामगढ़ के पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन कर कहा कि उन्हें जिला प्रशासन ने वाट्सएप मैसेज देकर एक मामले में साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा है. ऐसा नहीं होने पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है. इस मामले पर उन्होंने उपायुक्त से अनुरोध किया कि वह जल्द प्राथमिकी दर्ज करें. जहां तक साक्ष्य का विषय है, जिले की साइडिंग में जितनी भी गाड़ियां चल रही हैं, वह सभी ओवरलोड चल रही हैं, लेकिन इस मामले में उपायुक्त अनजान हैं. श्री चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों के गबन मामले में भी लीपापोती का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 10 दिन में जांच रिपोर्ट देनी थी, लेकिन आज तक जांच रिपोर्ट नहीं जमा की गयी. शंकर चौधरी ने उपायुक्त न्यायालय में राज्यसात वाद के एक मामले में उपायुक्त द्वारा दिये गये निर्णय पर भी सवाल उठाया है. कहा है कि सही तरीके से जांच नहीं की गयी है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से गबन की जांच रिपोर्ट देने की मांग की है. साथ ही कोयला लदे हाइवा मामले में पुन: सक्षम एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.
क्या है मामला : पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने 20 अगस्त को जिला परिवहन कार्यालय से संबंधित पत्र उपायुक्त को दिया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि ट्रांसपोर्ट विभाग से संबंधित एक डायरी मेरे हाथ लगी है. इसमें जिले के पांच-छह सौ गाड़ियों के नंबर हैं. सभी गाड़ियां साइडिंग में चल कर फैक्ट्री में कोयला ढुलाई करती हैं. सभी गाड़ियां ओवरलोड चलती हैं. इनके पास आवश्यक कागजात नहीं हैं. जिले के एमवीआइ सभी वाहनों से पांच हजार प्रति माह लेते हैं. एमवीआइ का तबादला साहेबगंज हो गया है. इसके बाद भी वह यहां जमे हैं. इसके बाद उपायुक्त ने एमवीआइ को रिलीव कर दिया और मामले की जांच का आदेश दिया. उपायुक्त ने शंकर चौधरी को पत्र में लगाये गये आरोप के तहत डायरी व अन्य साक्ष्य देने को कहा है, लेकिन श्री चौधरी ने कोई साक्ष्य नहीं दिया. इसके बाद जिला प्रशासन ने शुक्रवार को मैसेज भेज कर साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर झूठा आरोप लगाने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है