Jharkhand Assembly Election 2024, रामगढ़, सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार: किसानों का डैम से सिंचाई का सपना अधूरा ही रह गया. जिले की महत्वाकांक्षी भैरवा जलाशय योजना 40 वर्ष बाद भी पूरी नहीं हुई. 1984 में बिहार सरकार के समय गोला प्रखंड के सोंटय और दुलमी प्रखंड के बोंगासोरी में भैरवा जलाशय योजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हुआ था. वर्ष 1985 में 25 करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य शुरू किया गया. वर्ष 2005 में यह योजना 125 करोड़ से अधिक तक पहुंच गयी. इसके बाद इसे पूरी नहीं कराया गया.
झारखंड राज्य बने 24 साल बीत गये. यहां भाजपा और झामुमो की सरकार कई बार बनी, लेकिन योजना पूरी नहीं करायी जा सकी. हालांकि, इसी बीच वर्ष 2016 में डैम का रिवर क्लोज कराया गया, लेकिन अब तक नहर का कार्य अधूरा है. अगर यह योजना पूरी होती, तो गोला, चितरपुर व दुलमी के हजारों किसानों के खेत लहलहाते. फसलों का उत्पादन कर किसान आत्मनिर्भर बनते. लोगों का कहना है कि डैम में लबालब पानी तो है, लेकिन यह पानी सिर्फ मछली पालन के लिए रह गया है. किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.
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1800 एकड़ भूमि का हुआ है अधिग्रहण
इस योजना के लिए लगभग 1800 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. नहर बनने से तीनों प्रखंडों में 20 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी. दायीं मुख्य नहर से 4423.12 एकड़ में खरीफ की फसलें एवं 1326.96 एकड़ में रबी की फसलें एवं बायीं मुख्य नहर से 4672.50 एकड़ में खरीफ की फसलें एवं 1401.75 एकड़ भूमि में रबी की फसलें सिंचित होगी.
जलाशय का जलग्रहण क्षेत्र 128 वर्ग किलोमीटर है. इसकी लंबाई 2.256 किलोमीटर, ऊंचाई नदी तल से 30.0213 मीटर है. जल संग्रहण की क्षमता 2777.23 हेक्टेयर मीटर है. इसका मृत जलस्तर 348.99 मीटर, पूर्ण जलस्तर 365.62 मीटर है. बताते चले कि इस योजना को लेकर 208 परिवार विस्थापित हो चुके हैं. इनमें सोंटय, रुंडई, नावाडीह, बरियातू, बोंगासोरी, होहद, पोटमदगा, बयांग, भालू व पांचा के लोग शामिल हैं.