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रामगढ़ विधानसभा से जेल में रहते हुए विधायक बने थे मंजरूल हसन, लेकिन शपथ लेने से पहले हुई हत्या

1952 में यह विधानसभा रामगढ़ सह हजारीबाग के रूप में जाना जाता था. उस वक्त एक विधानसभा से दो विधायक हुआ करते थे. 1952 हमें बसंत नारायण सिंह व बिगन राम विधायक चुने गये.

मनोज सिंह, रामगढ़: कोयला के लिए प्रसिद्ध रामगढ़ विधानसभा अविभाजित बिहार के समय से ही एक प्रमुख विधानसभा क्षेत्र रहा है. आजादी से पूर्व हुए कांग्रेस अधिवेशन व नेताजी सुभाषचंद्र बोस के समझौता विरोधी आंदोलन की वजह से रामगढ़ पूरे देश में जाना जाता रहा है. साथ ही आजादी से पूर्व ही रामगढ़ में अंग्रेजों ने सैन्य छावनी स्थापित की थी. जहां आज दो रेजिमेंट सिख रेजिमेंट व पंजाब रेजिमेंट का प्रशिक्षण केंद्र है. साथ ही आजादी से पूर्व द्वितीय विश्वयुद्ध के समय रामगढ़ आये चीनी सैनिकों का कब्रिस्तान भी रामगढ़ में है. स्थापना काल के समय से काफी लंबे समय तक छोटानागपुर के अन्य विधानसभा क्षेत्र की तरह ही इस विधानसभा क्षेत्र पर भी रामगढ़ राजा का प्रभाव रहा.

1957 में बना था रामगढ़ विधानसभा

प्रारंभ में सन 1952 में यह विधानसभा रामगढ़ सह हजारीबाग के रूप में जाना जाता था. उस वक्त एक विधानसभा से दो विधायक हुआ करते थे. 1952 में बसंत नारायण सिंह व बिगन राम विधायक चुने गये. 1957 में रामगढ़ पूर्ण रूप से अलग विधानसभा सीट बनी तथा रामगढ़ राजा की पार्टी के तारा प्रसाद बख्शी तथा रामेश्वर मांझी विधायक बने. 1962 से एक विधायक चुने जाने लगे तथा तारा प्रसाद बख्शी पुन: रामगढ़ राजा की पार्टी से चुनाव जीते तथा 1967 में भी तारा प्रसाद बख्शी चुनाव जीते. सन 1969 में पहली बार राजा का तिलिस्म इस विधानसभा में टूटा तथा कांग्रेस के बोदूलाल अग्रवाल विधायक चुने गये. वर्ष 1972 में हुए चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मंजरूल हसन खान जेल में रहते हुए विधायक चुने गये तथा शपथ लेने से पूर्व ही इनकी हत्या पटना के विधायक क्लब के कमरे में कर दी गयी. यह देश की पहली राजनीतिक हत्या थी.

2005 से 2014 तक चंद्रप्रकाश चौधरी जीते

तत्काल हुए उपचुनाव में इनकी पत्नी सैयुद्दीन निशा विधायक चुनी गयीं. 2000 के चुनाव में शब्बीर अहमद कुरैशी विजयी हुए, लेकिन इसी साल इनका निधन हो गया तथा वर्ष 2001 में ही हुए उप चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा के बाबूलाल मरांडी उपचुनाव लड़े और जीते. वर्ष 2005 से 2014 तक लगातार तीन चुनाव में आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी विजयी हुए. 2019 में कांग्रेस की ममता देवी यहां की विधायक बनीं, लेकिन एक मामले में सजायाफ्ता होने पर ममता देवी की विधायकी समाप्त कर दी गयी. इसके बाद 2023 के उप चुनाव में सुनीता चौधरी यहां की विधायक बनीं.

भैरवा जलाशय योजना पूर्ण कराना लक्ष्य : विधायक सुनीता चौधरी

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विधायक सुनीता चौधरी ने कहा कि जनता से किये गये वादों को आजसू ने पूरा किया है. भैरवा जलाशय योजना को पूर्ण कराना हमारी प्राथमिकता है. मैं इस मामले को विधानसभा में उठा चुकी हूं. लेकिन इंडिया गठबंधन की सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. हमारी सरकार बनी, तो इस लंबित योजना को पूरा कराया जायेगा. ताकि हजारों किसानों को इसका लाभ मिल सकें. उन्होंने कहा कि लगातार 15 वर्षों तक विधायक और मंत्री रहते हुए चंद्रप्रकाश चौधरी ने अनगिनत विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा. अब यहां विकास कार्यों को और गति दी जा रही है.

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शिक्षा और रोजगार पर हो फोकस : ममता देवी

पूर्व विधायक ममता देवी ने कहा कि मेरा कार्यकाल सीमित और कोरोना काल से प्रभावित रहा. बावजूद क्षेत्र में कई विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा गया. जिसमें गोला में डिग्री कॉलेज का निर्माण, बरलंगा में सोना सोबरन प्लस टू विद्यालय का निर्माण, गोमती नदी में उच्च स्तरीय पुल, रामगढ़ समाहरणालय के समक्ष मॉडल कम्युनिटी पार्क का निर्माण, रामगढ़ सिदो-कान्हू मैदान में स्टेडियम का निर्माण सहित दर्जनों पीसीसी, स्वास्थ्य केंद्र, चौक चौराहों में स्ट्रीट लाइट सहित कई कार्य किये गये. मैं सरकार में रहते हुए भैरवा जलाशय योजना को पूरा करने के मुद्दे को विधानसभा में उठा चुकी हूं. रामगढ़ में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र को बेहतर बनाया जायेगा.

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मुद्दे

लगभग हर पार्टियों के विधायक चुने गये हैं रामगढ़ विधानसभा सीट से. लेकिन आज भी क्षेत्र की कई मूलभूत समस्याएं बरकरार हैं. पूर्व में कोयला उद्योग की वजह से विस्थापन की समस्या आज भी जटिल बनी हुई है. पूर्व में पीटीपीएस व अब पीवीयूएनएल में भी विस्थापन की समस्या बनी हुई है. इस क्षेत्र में कोयला समेत कई फैक्ट्रियों के होने के बावजूद बेरोजगारी की समस्या आज भी बनी हुई है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में सिचाई की सुविधा पूरी नहीं है. भैरवा जलाशय होने के बावजूद इससे सिंचाई आज तक प्रारंभ नहीं हो पायी है. उच्च शिक्षा के मामले में भी एक मात्र सरकारी कॉलेज रामगढ़ महाविद्यालय पर पूरे क्षेत्र के छात्र-छात्रा निर्भर हैं. जिला में व्याप्त भ्रष्टाचार से भी आम लोग त्रस्त हैं.

कब-कब कौन-कौन बने रामगढ़ के विधायक

चुनाव का वर्षचुने गए विधायक का नाम
1962तारा प्रसाद बख्शी
1967तारा प्रसाद बख्शी
1969बोदू लाल अग्रवाल
1972मंजरूल हसन खान/ सैयुद्दीन निशा
1977विश्वनाथ चौधरी
1980अर्जुन राम
1985जमुना प्रसाद शर्मा
1990अर्जुन राम
1995शंकर चौधरी
2000शब्बीर अहमद कुरैशी
2001बाबूलाल मरांडी
2005चंद्रप्रकाश चौधरी
2009चंद्रप्रकाश चौधरी
2014चंद्रप्रकाश चौधरी
2019ममता देवी
2023सुनीता चौधरी

रामगढ़ विधानसभा : 2023 के उपचुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामउम्मीदवारों को मिले मत
सुनीता चौधरीआजसू113243
बजरंग महतोकांग्रेस91577

रामगढ़ विधानसभा चुनाव : 2019 के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामउम्मीदवारों को मिले मत
ममता देवीकांग्रेस99944
सुनीता चौधरीआजसू71226

रामगढ़ विधानसभा चुनाव : 2014 के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामउम्मीदवारों को मिले मत
चंद्रप्रकाश चौधरीआजसू98987
शहजादा अनवरकांग्रेस45169

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