झारखंड की अस्मिता से जुड़ी है खोरठा भाषा : बीएन ओहदार

झारखंड की अस्मिता से जुड़ी है खोरठा भाषा : बीएन ओहदार

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2024 10:36 PM

चितरपुर. चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के सुकरीगढ़ा लारी स्थित डॉ एस राधाकृष्णन में श्रीनिवास पानुरी जयंती सह खोरठा दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में डॉ बीएन ओहदार, डॉ अनाम ओहदार, डॉ विनोद कुमार, महेंद्र नाथ गोस्वामी, संजय कुमार प्रभाकर, मनीष कुमार, डॉ राजेश महतो, डॉ शशि मौजूद थे. अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. श्री ओहदार ने श्रीनिवास पानुरी के संघर्षों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि खोरठा भाषा झारखंड की अस्मिता से जुड़ी है. इसकी पढ़ाई प्राथमिक स्तर से ही शुरू करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो भी प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जाती है, उसमें क्षेत्रीय भाषा अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए. इस दौरान अतिथियों ने खोरठा विषय से संबंधित तीन पुस्तक और दो पत्रिका तितकी, कोकिला, तोंय जनी लागे, जरक व फुनगी का विमोचन किया. क्षेत्रीय गायक सुकुमार, बसु बिहारी, महेंद्र गोस्वामी सुधाकर, प्रदीप कुमार दीपक ने खोरठा गीत गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया. अतिथियों का स्वागत किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर दिनेश कुमार दिनमणि ने किया. मौके पर परितोष कुमार प्रजापति, इम्तियाज गदर, शांति भारत, श्यामसुंदर महतो, सरजू महतो, रामशरण विश्वकर्मा, आर सोनार, पॉवेल कुमार, अशोक कुमार, विनोद रशलीन, कंचन वर्णवाल, अहिल्या कुमारी, मुंशी महतो, रितु घासी, भुनेश्वर महतो, मुक्तेश्वर तुरी सुरेंद्र रजवार, दिनेश दिनमणि, पूर्णकांत ठाकुर, कलाम रशीदी, योगेंद्र प्रसाद, लक्ष्मी नारायण महतो, ओमप्रकाश महतो, कुलेश्वर महतो, गुड्डू ओहदार, पाली ओहदार मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version