रामगढ़/ कुजू. हिमाचल प्रदेश के मत्स्य पालन के निदेशक विवेक चंदेल ने रामगढ़ जिले की आरा कोल खदान में संचालित केज कल्चर परियोजना का निरीक्षण किया. उनके साथ सहायक निदेशक मत्स्यपालन, रामगढ़ जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ अरूप चौधरी, मुख्य अनुदेशक डॉ प्रशांत कुमार दीपक, मत्स्य कृषक शशि कुमार व किसान उपस्थित थे. यह परियोजना राज्य योजना और डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) फंड के तहत संचालित की जा रही है. इस परियोजना का उद्देश्य परित्यक्त जल क्षेत्रों का उपयोग कर मछली उत्पादन बढ़ाना और स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है. निदेशक ने केज कल्चर की प्रक्रिया, रखरखाव, संचालन और मछलियों के विपणन (बिक्री) से संबंधित व्यवस्थाओं का जायजा लिया. परियोजना से जुड़े किसानों के साथ संवाद किया गया और उनके अनुभवों व सुझावों को समझा. निदेशक ने इस परियोजना की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों में लागू करने के लिए मॉडल परियोजना के रूप में प्रस्तुत करने को कहा. निदेशक को बताया गया कि मछली उत्पादन वृद्धि के दौरान केज कल्चर के माध्यम से जल क्षेत्रों का अधिकतम उपयोग हो रहा है. मत्स्य पालन से किसानों और युवाओं को रोजगार और आय के अवसर प्राप्त हो रहे हैं. किसानों को नयी तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. निदेशक ने कहा कि यह परियोजना परित्यक्त कोल खदानों के जल क्षेत्रों के प्रभावी उपयोग और रोजगार सृजन का उत्कृष्ट उदाहरण है.
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