भुरकुंडा. भुरकुंडा से 13 अगस्त से लापता दोनों कैमरामैन विक्की साव व सानू राणा चार दिनों बाद रविवार को भाेर में करीब तीन बजे अपने घर सकुशल लौट आये. रामगढ़ में बस से उतरने के बाद दोनों को भुरकुंडा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार अपने साथ लेकर आये और दोनों को उनके घर पहुंचाया. विक्की व सानू के अनुसार, भुरकुंडा से जाने के दिन शेरघाटी के आसपास एक होटल में सभी ने खाना खाया था. खाने के बाद जब दोनों कार में बैठे, तो अपहरणकर्ताओं ने मिठाई व चाय दी. इसके बाद से उनलोगों को होश नहीं रहा. जब होश आया, तो खुद को एक कमरे में बंद पाया. इसमें बाथरूम अटैच था. हमारा मोबाइल हमारे पास नहीं था. होश आता था, तो खाना-पीना दिया जाता था और फिर नशे की दवाई खिला दी जाती थी. इसी क्रम में 17 अगस्त की रात करीब 12 बजे जब उन्हें होश आया, तो खुद को बस में पाया. जगह बरही थी. मोबाइल पॉकेट में रखा हुआ था. उसे ऑन कर सबसे पहले घरवालों को जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने भी फोन किया. पूरी बात बताने के बाद पुलिस रामगढ़ पहुंच कर हमारा इंतजार कर रही थी. पुलिस ने हमें हमारे घर पहुंचाया. इससे ज्यादा हमें कुछ मालूम नहीं है.
काम आया पुलिस का दबाव : इस चर्चित कांड में दोनों कैमरामैन के सकुशल लौट आने के पीछे पुलिस की फौरी कार्रवाई को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. घटना की सूचना के बाद पुलिस की टीम टोल प्लाजा को खंगालते हुए मोहनिया तक पहुंची, जहां कार बरामद हो गयी. कार की बरामदगी के बाद उसके असली नंबर के आधार पर जब पुलिस कार ऑनर को तलाशने लगी, तो अपहरणकर्ताओं पर दबाव बढ़ गया. माना जा रहा है कि इसी दबाव के कारण अपहरणकर्ताओं ने दोनों को मुक्त किया है.
जारी है पुलिस की तफ्तीश : कैमरामैन के लौटने के बाद भी पुलिस की तफ्तीश जारी है. चूंकि, वारदात के पीछे का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, इसलिए पुलिस मामले की तह तक पहुंचना चाहती है. कार के असली मालिक को तलाश रही है. हालांकि मामले पर पुलिस फिलहाल चुप्पी साधे हुए है. माना यह जा रहा है कि कैमरामैन ने जो बयान दिया है, वह गलत भी हो सकता है. इसलिए पुलिस दोनों एंगल पर आगे बढ़ रही है.
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