श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण जीवन को सार्थक बनाता है

दा बस्ती में चल रहे सात दिवसीय श्री श्री शिव शक्ति महायज्ञ सह शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के तीसरे दिन गुरुवार को कई धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराये गये.

By Prabhat Khabar News Desk | April 18, 2024 6:59 PM

श्री श्री शिव शक्ति महायज्ञ सह शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ 18बीएचयू0006-प्रवचन करतीं प्रभा शशि, 18बीएचयू0007-कथा सुनने जुटे लोग. सौंदा बस्ती में यज्ञ मंडप की परिक्रमा में जुट रहे श्रद्धालु. भुरकुंडा. सौंदा बस्ती में चल रहे सात दिवसीय श्री श्री शिव शक्ति महायज्ञ सह शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के तीसरे दिन गुरुवार को कई धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराये गये. यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. क्षेत्र भक्तिमय बना हुआ है. यज्ञ समिति ने बताया कि 20 अप्रैल को शिव परिवार प्रतिमा का नगर भ्रमण कराया जायेगा. 21 अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी. 22 अप्रैल को जागरण का आयोजन होगा. इधर, यज्ञ को लेकर प्रतिदिन रात्रि में प्रवचन का आयोजन हो रहा है. यूपी की प्रभा शाशि ने भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मनुष्य जीवन को सार्थक बनाता है. जन्म तो हर प्राणी लेता है, लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है. बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है. श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है, जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है. इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, उसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से मुक्त होकर ऊर्जावान बनता है. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म मनुष्य जीवन के उद्धार के लिए हुआ है. कंस ने उनके जन्म को रोकने के लिए अथक प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाया. अंत में अपने पापों का घड़ा भरने पर श्रीकृष्ण के हाथों मरकर मोक्ष की प्राप्ति की. उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन सबसे उत्तम माना जाता है. इसी योनि में भगवान भी जन्म लेना चाहते हैं. जिससे वे अपने आराध्य ईश्वर की भक्ति कर सकें. श्रीकृष्ण ने भागवत गीता के माध्यम से बुराई व सदाचार के बीच अंतर बताया है. ईश्वर को धन दौलत व यज्ञों से कोई सरोकार नहीं है. वह तो केवल स्वच्छ मन से की गयी आराधना के अधीन होते हैं. मौके पर महानंद साव, किशोर प्रसाद, सुदेश प्रसाद, महेश प्रसाद, विकेश प्रसाद, माधव प्रसाद, दीपक प्रसाद, भागवत प्रसाद, रामप्रसाद साहू, जगमोहन साहू, गजानंद प्रसाद, ईश्वर प्रसाद, सुनील प्रसाद, नरेंद्र प्रसाद, श्रीकांत कुमार, हरिहर प्रसाद, चकलधर प्रसाद, सुधीर प्रसाद, मिंटू प्रसाद, दयानंद प्रसाद, सुखेदव प्रसाद, नंदु गिरि, राजेश प्रसाद, भोला प्रसाद, सुमित प्रसाद, अंबर प्रसाद, बबलू प्रसाद, बंटी प्रसाद, छोटू साव, संदीप प्रसाद, ईश्वर दयाल, गुलाब प्रसाद उपस्थित थे.

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