Lockdown in Jharkhand : रास्ते में फंसे मजदूरों ने CM हेमंत को किया ट्वीट, जिला प्रशासन ने गंतव्य स्थान भिजवाया, जताया अाभार
छत्तीसगढ़, रायगढ़ व रांची से 13 मजदूर पैदल चल कर बुधवार को गोला प्रखंड क्षेत्र के चक्रवाली गांव पहुंचे. ये सभी मजदूर दुमका, जामताड़ा और गोड्डा जा रहे थे. ये लोग कई दिनों से भूखे भी थे. इस बीच इन मजदूरों ने रामगढ़ व दुमका उपायुक्त को टैग करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर रास्ते में फंसने की जानकारी दी. इसके बाद सीएम ने इस मामले को संज्ञान में लेकर उपायुक्त को निर्देश दिया.
गोला (रामगढ़) : छत्तीसगढ़, रायगढ़ व रांची से 13 मजदूर पैदल चल कर बुधवार को गोला प्रखंड क्षेत्र के चक्रवाली गांव पहुंचे. ये सभी मजदूर दुमका, जामताड़ा और गोड्डा जा रहे थे. ये लोग कई दिनों से भूखे भी थे. इस बीच इन मजदूरों ने रामगढ़ व दुमका उपायुक्त को टैग करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर रास्ते में फंसने की जानकारी दी. इसके बाद सीएम ने इस मामले को संज्ञान में लेकर उपायुक्त को निर्देश दिया.
Also Read: हिंदपीढ़ी से भागकर चितरपुर आये दो पर मामला दर्ज, होगी कड़ी कार्रवाई
निर्देश मिलते ही रामगढ़ उपायुक्त ने गोला बीडीओ कुलदीप कुमार को मजदूरों को भोजन व इनका चिकित्सीय जांच कराने और उन्हें यहां से भेजने का निर्देश जारी किया. इसके बाद सभी 13 मजदूरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला लाया गया. जहां स्वास्थ्यकर्मी मनोज कुमार व अरुण कुमार द्वारा इनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गयी. उधर, झामुमो नेता विनीत प्रभाकर ने सबों को भोजन कराया. इसके बाद प्रशासन द्वारा इन्हें इनके गंतव्य स्थान तक भिजवाया गया. मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हमलोगों का काम बंद हो गया और हमारा सारा पैसा भी खत्म हो गया था. इसके बाद हमलोगों ने पैदल ही घर लौटने का निर्णय लिया.
ये मजदूर हैं शामिल
छत्तीसगढ़, रायगढ़ व रांची से पैदल चल 13 मजदूरों में सोनाराम मुर्मू, परमेश्वर राय, सुरेंद्र हांसदा, घनश्याम राय, रंजीत राय, लखन राय, घनपत डोम, जितेंद्र राउत, अनूप बड़ाइक, कार्तिक बड़ाइक, मुकेश गिरी, सपन डोम, निर्मल राम मुर्मू शामिल है. सहायता मिलने के बाद इन मजदूरों ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया. मजदूरों ने कहा कि इस विकट परिस्थिति भी सरकार और प्रशासन का सहयोग मिलना बड़ी बात है. काम बंद होने और पैसा खत्म होने के कारण पैदल घर जाने के सिवा अन्य कोई विकल्प नहीं था. हमसब भी लॉकडाउन का पालन कर रहे थे, लेकिन परिस्थिति ने घर जाने को विवश किया.