..मांडू : महतो जाति के उम्मीदवारों को मिली है जीत

मांडू सीट पर 1957 से हुए 16 चुनावों में महतो जाति के नौ प्रत्याशियों की जीत मिली है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 13, 2024 10:12 PM

पांच बार चुनाव जीते हैं टेकलाल महतो 1967 में पहली बार महतो जाति के गुरचरण महतो लड़े थे चुनाव कोई चुनावी मुद्दा नहीं, चल रहे है चेहरे अजय कुमार फोटो 13गिद्दी1-टेकलाल महतो फोटो 13गिद्दी2-जयप्रकाश भाई पटेल फोटो 13गिद्दी3-खीरू महतो गिद्दी(हजारीबाग). मांडू सीट पर 1957 से हुए 16 चुनावों में महतो जाति के नौ प्रत्याशियों की जीत मिली है. मांडू में महतो जाति का वोटर निर्णायक माना जाता है. मांडू में टेकलाल महतो पांच बार निर्वाचित हुए हैं. वर्ष 1967 में पहली बार महतो जाति के गुरचरण महतो चुनाव लड़े थे. अब हर प्रमुख दल के प्रत्याशी महतो जाति के रहते हैं. इस चुनाव में महतो जाति के प्रत्याशियों के बीच ही मुख्य मुकाबला है. वर्ष 1957 में मांडू विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था. इसमें मांडू व गोमिया प्रखंड को शामिल किया गया था. बाद के वर्षों में चुरचू प्रखंड को जोड़ा गया था. वर्ष 1977 के चुनाव में गोमिया प्रखंड को मांडू से अलग कर दिया गया और विष्णुगढ़ प्रखंड को इसमें शामिल किया गया. इसके पहले विष्णुगढ़ प्रखंड बगोदर प्रखंड में शामिल था. मांडू विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या चार लाख 30 हजार 75 है. इसमें पुरुष मतदाता 2,19,199 तथा महिला मतदाता 2,10,865 है. मांडू विस क्षेत्र के दायरे में मांडू, विष्णुगढ़, डाड़ी, चुरचू, टाटीझरिया प्रखंड तथा दारू प्रखंड के चार मतदान केंद्र आते हैं. मांडू विस क्षेत्र में सबसे अधिक महतो वोटर 21.4 प्रतिशत है. उनका मत निर्णायक माना जाता है. वर्ष 1985 से लेकर वर्ष 2019 तक हुए नौ चुनावों में महतो जाति के प्रत्याशी टेकलाल महतो ने पांच बार, जयप्रकाश भाई पटेल ने तीन बार तथा खीरू महतो ने एक बार जीत हासिल की है. मांडू सीट से वर्ष 1967 में पहली बार महतो जाति के गुरचरण महतो निर्दलीय चुनाव लड़े थे. उन्हें 629 मत मिले थे. वर्ष 1969 के चुनाव में पारसनाथ महतो, वर्ष 1972 के चुनाव में तारो महतो व गुरचरण महतो, वर्ष 1977 के चुनाव में टेकलाल महतो व पारसनाथ महतो, वर्ष 1980 के चुनाव में टेकलाल महतो व पारसनाथ महतो चुनाव लड़े थे. वर्ष 1985 के चुनाव में टेकलाल महतो ने पहली बार जीत हासिल की थी. इसके बाद वह महतो वोटरों को ध्रुवीकरण कर लगातार चुनाव जीते रहे. उन्हें मांझी व मुस्लिम वोट भी मिलता रहा. वर्ष 1990 के चुनाव से महतो प्रत्याशियों की संख्या लगातार बढ़ती चली गयी. वर्ष 2011 के उपचुनाव में सबसे अधिक महतो जाति के आठ उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. इस बार मुख्य रूप से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल, एनडीए प्रत्याशी निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो, जेएलकेएम के प्रत्याशी बिहारी महतो चुनाव मैदान में हैं. कोई चुनावी मुद्दा नहीं है. जातीय समीकरण पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है. सिर्फ चेहरे चल रहे हैं.

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