झारखंडी संस्कृति को आगे बढ़ाता है मेला
झारखंडी संस्कृति को आगे बढ़ाता है मेला
प्रतिनिधि, भुरकुंडा
किन्नी जराद गांव में सोहराय डायर जतरा महोत्सव का आयोजन हुआ. इसमें विभिन्न गांव से हजारों ग्रामीण जुटे थे. महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों ने किया. महोत्सव में अतिथियों ने कहा कि मेले में झारखंडी संस्कृति की झलक दिखती है. सोहराय डायर जतरा मेले के आयोजन से झारखंडी संस्कृति को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है. हमारे पूर्वज इसे मनाते आये हैं. युवा पीढ़ी भी इसे सहेज कर रखे. मेला मनोरंजन का भी बड़ा माध्यम होता है. यह आपसी एकता को भी मजबूत बनाता है. महोत्सव में रामगढ़ व रांची जिले के रसदा, गेगदा, लबगा, जराद, बरघुटूवा, नेतुआ, मेलानी, आरासाह, बीचा, हरिहरपुर, सुथरपुर, सालगो, घाघरा, कुरसे, बलकुदरा, निम्मी, पिठोरिया, तालाटांड़, कटिया गांव से हजारों लोग जुटे थे. मेला में आये कलाकारों ने गीत-नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया. इस अवसर पर पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव, पूर्व विधायक लोकनाथ महतो, मुखिया किरण यादव, कुमेल उरांव, गिरधारी गोप, धनंजय अग्रवाल, संदीप उरांव, नंदलाल महतो, योगेंद्र यादव, डोमन महतो, लालू महतो, राजेंद्र बेदिया, सीताराम मुंडा, योगेंद्र सिंह खरवार, विजय मुंडा, अनिल सिंह खरवार, लखन मुंडा, कपिल मुंडा, रोहित महतो उपस्थित थे. महोत्सव को सफल बनाने में समिति के शिवप्रसाद मुंडा, विकास उरांव, धनेश्वर मुंडा, भवानी गोप, अनिल महतो, सुरेश महतो, कृष्णा उरांव, चंद्रक्रात उरांव, शिवप्रसाद मुंडा, प्रदीप कुमार महतो, अशोक एक्का, उपेंद्र सिंह खरवार, फलेंद्र चौधरी, विनोद उरांव, सुरेश महतो, पारसनाथ महतो, अर्जुन यादव, राकेश गाड़ी, सोनू कुमार, मंगल महतो आदि का योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है