मोहनिया में मिली लापता कैमरामैन को भुरकुंडा से ले जानेवाली कार

मोहनिया में मिली लापता कैमरामैन को भुरकुंडा से ले जानेवाली कार

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 10:54 PM
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प्रतिनिधि, भुरकुंडा

भुरकुंडा से 13 अगस्त को लापता हुए दो कैमरामैन के चर्चित मामले में पुलिस को लोकल इनवॉल्मेंट की इनपुट मिली है. यह इनपुट भुरकुंंडा से कैमरामैन को ले जानेवाली कार के 17 अगस्त को बिहार के मोहनिया में बरामद होने के बाद आयी है. कार में लगा नंबर जेएच01एक्स-1234 फर्जी निकला. इस कार का नंबर जेएच09एएक्स-0614 है, जो गोला के सूरज प्रसाद के नाम से रजिस्टर्ड है. पुलिस को कार के इंजन व चेसिस नंबर से यह पूरी जानकारी हासिल हुई. जब सूरज प्रसाद से पूछताछ की गयी, तो उसने बताया कि पिछले महीने 27 जुलाई को उसने अपनी कार कुजू के अयुब आलम को डेढ़ लाख रुपये में बेचा था. ऑनर नेम चेंज करने की प्रक्रिया भी की गयी थी, लेकिन वर्तमान में नाम ट्रांसफर नहीं हुआ है. इसलिए अभी कार मेरे नाम से दिख रही है. जब पुलिस ने अपनी पड़ताल आगे बढ़ायी, तो पता चला कि अयुब भी करीब एक सप्ताह पहले यह कार तोपा रामगढ़ के आरिज आलम को बेच चुका है. ऐसे में अब पुलिस आरिज आलम को तलाश रही है. भुरकुंडा पुलिस की एक टीम मोहनिया क्षेत्र में स्थानीय पुलिस की मदद से लापता दोनों कैमरामैन विक्की कुमार साव व सानू कुमार राणा को ढूंढ रही है. इसके अलावा कार के वर्तमान ऑनर के मोहनिया कनेक्शन का भी पता लगा रही है. कार की बरामदगी इस केस में पुलिस की सफलता की बड़ी कड़ी मानी जा रही है, क्योंकि अभी तक यह केस डार्क मोड में चल रहा था.

कैसे बरामद हुई कार : भुरकुंडा पुलिस अंधेरे में तीर चलाते हुए सबसे पहले हजारीबाग टोल प्लाजा पहुंची. यहां फुटेज खंगालने के बाद संयोग से एक कार में पिछली सीट पर बैठा सानू दिख गया. यहीं पुलिस को पहला सुराग मिला. इसके बाद पुलिस उसी दिशा में चौपारण, शेरघाटी, सासाराम, मोहनिया टोल प्लाजा पहुंची. हर जगह से यह कार गुजरी थी. पुलिस इसके आगे भी उसी पैटर्न पर सड़क के दोनों किनारे देखते हुए आगे बढ़ रही थी. तभी सड़क किनारे एक गैराज के बाहर कार खड़ी मिल गयी. पुलिस ने जब गैराज मालिक से कार के बाबत पूछताछ की, तो उसने बताया कि 15 अगस्त को एक व्यक्ति बुलेट से गैराज पहुंचा था. उसने बताया कि उसकी कार सड़क पर खराब हो गयी है. उसे लाकर बनाना है. टोचन कर गैराज तक लाने के लिए उसने पांच सौ रुपये दिये थे, लेकिन इसके बाद वह व्यक्ति नहीं आया. इसके कारण कार को दुरुस्त नहीं किया गया.

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