भुरकुंडा. भुरकुंडा लोकल सेल को खोलने की कवायद जोरशोर से चल रही है. प्रबंधन ने इसके लिए आठ हजार टन कोयले का ऑफर दिया है. बिडिंग से पूर्व ही प्रबंधन ने लोकल सेल सेंटर में कोयले का स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है, लेकिन प्रबंधन विस्थापितों व ग्रामीणों के बीच आपसी समन्वय नहीं बना पाया है. इसके कारण लोकल सेल चालू करने के लिए कई चुनौतियों से पार पाना होगा. पुरानी लोकल सेल समिति के साथ 10 मई को भुरकुंडा रेस्ट हाउस में हुई बैठक में इसका नमूना देखने को मिल गया है. उस दिन की बैठक में बलकुदरा व हुरूमगढ़ा के कुछ लोगों ने पुरानी सेल समिति को सिरे से खारिज करते हुए नयी सेल समिति बनाने की मांग प्रबंधन के समक्ष रख दी थी. ऐसे में सेल खोलने के अंतिम चरण में पहुंच चुके प्रबंधन के पेशानी पर बल पड़ गया है. जवाहर नगर के पूर्व मुखिया हुरूमगढ़ा निवासी प्रदीप मांझी ने मंगलवार को ग्रामीणों के साथ बैठक कर ऐलान कर दिया है कि हुरूमगढ़ा व आसपास के इलाकों की भागीदारी के बगैर सेल खुलने नहीं दिया जायेगा. प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस मामले में प्रबंधन दोहरी नीति अपनायेगा, तो कोलियरी का चक्का जाम कर दिया जायेगा. श्री मांझी ने कहा कि प्रबंधन अपनी रोटी सेंकने के लिए बेरोजगारों व विस्थापितों को दरकिनार कर लोकल सेल समिति में अपने चहेतों को जगह दे रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बैठक में बाले मांझी, राजकुमार मुर्मू, विष्णु करमाली, रामकुमार मुर्मू, छोटू तुरी, चरकु भुइयां, सूरज शर्मा, बुधन गोस्वामी, राजेश कुमार, महेश जायसवाल, संतोष लाल, सन्नी सिंह, कल्लु सिंह, सुरेंद्र यादव, जितेंद्र चौरसिया, संतोष लाल, धर्मेंद्र साव, संजय गुप्ता, किशन राम, पप्पू अंसारी, हरजीत सिंह, मंजीत कौर, सिमरन कौर उपस्थित थे.
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