Loading election data...

चुंबा में पिछले पांच वर्षों से ठप है ग्रामीण जलापूर्ति योजना

पांच वर्षों से ठप है जलापूर्ति योजना

By Prabhat Khabar News Desk | March 31, 2024 10:10 PM

गिद्दी (हजारीबाग). ग्राम जल स्वच्छता समिति व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही से बड़काचुंबा व मंझलाचुंबा पंचायत में पिछले पांच वर्षों से ग्रामीण जलापूर्ति योजना ठप है. इसके अधिकांश सामान की चोरी हो चुकी है. इसके पुन: चालू होने के आसार कम दिख रहे हैं. ग्रामीण उपभोक्ता पेयजल को लेकर परेशान हैं, लेकिन विभाग उदासीन है. जानकारी के अनुसार, 10-11 करोड़ की लागत से बड़काचुंबा व मंझलाचुंबा पंचायत में वर्ष 2016 में बनी ग्रामीण जलापूर्ति योजना से 1200 घरों में पेयजलापूर्ति शुरू की गयी थी. अभिकर्ता ने दो वर्षों तक इसका सफलतापूर्वक संचालन किया. इसके बाद संचालन की जिम्मेवारी ग्राम जल स्वच्छता समिति को सौंप दी गयी. कुछ माह तक समिति ने इसे चलाया. इसके बाद मासिक जल कर का हवाला देकर समिति ने पेयजलापूर्ति बाधित कर दी. तब से यह योजना ठप है. पेयजल आपूर्ति बहाल हो, इसके प्रति समिति ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. विभाग भी पूरी तरह से उदासीन रहा. इसके बाद यहां से अधिकांश सामान की चोरी हो गयी. गिद्दी थाना में बहुत दिन के बाद चोरी की लिखित सूचना दी गयी. फिलहाल इसके चालू होने के आसार कम दिख रहे हैं. ग्रामीण उपभोक्ता पानी को लेकर परेशान हैं. रामगढ़ में कुछ माह पहले हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा की मौजूदगी में दिशा की बैठक हुई थी. इसमें इस मुद्दे को गंभीरतापूर्वक उठाया गया था. डीएमएफटी फंड से इसे दुरुस्त कराने का प्रस्ताव लिया गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं हो पायी है. बड़काचुंबा पंचायत के मुखिया राजेंद्र कुमार प्रसाद उर्फ राजू ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि यहां पर ग्रामीण जलापूर्ति योजना पिछले पांच वर्षों से ठप है. इसके प्रति विभाग गंभीर नहीं है. इसमें पूरी तरह से लापरवाही बरती गयी है. इसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. मंझलाचुंबा पंचायत की मुखिया लक्ष्मी देवी ने कहा कि योजना पर करोड़ों खर्च हो गया है, लेकिन ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो रहा है. इसके लिए विभाग व समिति जिम्मेवार है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग रामगढ़ प्रमंडल के पदाधिकारी अनिल गुप्ता ने कहा कि सामान चोरी होने की वजह से पिछले चार-पांच वर्षों से जलापूर्ति योजना ठप है. इसे चालू करने के लिए पहल की जा रही है, लेकिन बात नहीं बन पा रही है. इसे किस फंड से दुरुस्त कराया जायेगा, इसके लिए स्वीकृति व सर्वे जरूरी है.

Next Article

Exit mobile version