सुरेंद्र कुमार/शंकर, रजरप्पा
सीसीएल के रजरप्पा प्रोजेक्ट स्थित कांटा घर में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण प्रतिदिन यहां 400-500 लोगों को खरीद कर पानी पीना पड़ता है. वहीं, ट्रकों में कोयला लोडिंग के लिए पहुंचने वाले ट्रक चालक यहां पानी की किल्लत से तीन-चार दिनों तक स्नान भी नहीं कर पाते हैं. शेड नहीं होने के कारण धूप में लोग बेहाल रहते हैं. कई चालक, उप चालकों को गर्मी से लू लगने की भी सूचना है. बारिश होने से कांटा घर में एक साथ दर्जनों लोग प्रवेश कर जाते हैं. जानकारी के अनुसार, रजरप्पा प्रोजेक्ट द्वारा बड़ी मात्रा में कोयला का ऑक्शन निकाला जाता है. इससे सीसीएल को करोड़ों राजस्व की प्राप्ति होती है. इसके बावजूद रजरप्पा प्रबंधन द्वारा कांटा घर में कर्मियों, लिफ्टरों, डीओ धारकों व चालकों की सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है. इसके कारण प्रबंधन के प्रति रोष है. डीओ धारकों ने बताया कि प्रबंधन से कई बार यहां पेयजल की व्यवस्था कराने की मांग की गयी है, लेकिन कोई पहल नहीं की गयी है. इनका कहना है कि पहले रजरप्पा की आवासीय कॉलोनी के समीप कांटा घर था. इससे लोगों को काफी राहत मिलती थी. प्रबंधन ने पुराने वजन घर को बंद कर रिजेक्ट यार्ड के समीप लगभग 20 लाख रुपये की लागत से कांटा घर का निर्माण कराया है.
डस्ट से रहते है परेशान : लोगों का कहना है कि यहां हमेशा धूल उड़ते रहती है. इससे लोग धूलकण से परेशान रहते हैं. कई लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है. इनका कहना है कि यहां पानी का छिड़काव नहीं होने के कारण धूलकण की समस्या से परेशानी होती है.
शीघ्र किया जायेगा समस्या का समाधान : पीओ : इस संदर्भ में रजरप्पा पीओ यूएन प्रसाद ने कहा कि वजन घर में पर्याप्त रूप से पेयजल की सुविधा के लिए प्रबंधन द्वारा पहल की जा रही है. यहां शीघ्र ही पाइपलाइन या टैंकर के माध्यम से पानी सुविधा बहाल की जायेगी.
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