भुरकुंडा. अग्रसेन स्कूल भुरकुंडा में पर्यावरण संरक्षण विषय पर परिचर्चा हुई. इसका शुभारंभ प्राचार्य विवेक प्रधान व निदेशक एकेडमिक एसके चौधरी ने किया. परिचर्चा में विद्यार्थियों की टीम ने पर्यावरण संरक्षण में बच्चों व बड़ों की भूमिका पर चर्चा की. विद्यार्थियों ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पारंपरिक के बदले प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भरता बढ़ाने की जरूरत है. ऊर्जा के लिए सूर्य, हवा, पानी का इस्तेमाल कर हम अपनी जरूरतें पूरी करें. कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के खाद या रसायनों का उपयोग करने के बदले जैविक खेती को अपनायें. यह विकल्प सीधे तौर पर पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों को संरक्षित कर सकता है. पानी की बर्बादी नहीं कर उसकी बचत की आदत डालनी चाहिए. घरेलू व फैक्ट्री के कचरे और सीवरेज का उचित निष्पादन करें. प्रकृति को समृद्ध बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगा कर उसकी सुरक्षा करने की जरूरत है. अपने जीवन में सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर वायु प्रदूषण पर पड़ने वाले भार को कम किया जा सकता है. परिचर्चा में आस्था कुमारी, अंश कुमार, अर्णव कुमार, अंशुमान दुबे, दिया कुमारी, फरहीन अफ्सरा, मानसी कुमारी, राधा कुमारी, राजदीप कुमार, मो रेहान शामिल थे. परिचर्चा का संचालन एसके चौधरी व ज्योति कुमारी ने किया. इससे पूर्व, उद्घाटन सत्र में प्राचार्य विवेक प्रधान ने कहा कि जीव-जंतु, पक्षी, पेड़-पौधे, व्यक्ति सभी से मिल कर पर्यावरण की रचना होती है. जिस प्रकृति ने हमें आश्रय दिया है, हम उसी को नष्ट करने पर लग गये हैं. इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ते जा रहा है. इसे जल्द से जल्द ठीक करने की जरूरत है.
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