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बह कर बर्बाद हो रहे पानी को रोका, मिनी हाइड्रो प्लांट लगाकर कर दिया बिजली उत्पादन

केदार ने अमझरिया नाला से बर्बाद हो रहे पानी को मिनी हाइड्रो प्लांट लगा कर रोका और इससे बिजली का उत्पादन किया.

धनेश्वर कुंदन, दुलमी : ‘जहां चाह, वहां राह’, दुलमी प्रखंड के बयांग गांव निवासी केदार प्रसाद महतो ने इन कहावत को चरितार्थ किया है. उन्होंने सीमित संसाधन से बिजली उत्पादन कर एक मिसाल कायम की है. केदार ने अमझरिया नाला से बर्बाद हो रहे पानी को मिनी हाइड्रो प्लांट लगा कर रोका और इससे बिजली का उत्पादन किया. उन्होंने बताया कि यहां पर तीन केवी बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. इसमें 20-25 बल्ब जलाये जा सकते हैं. फिलहाल यहां दो बल्ब जल रहे हैं.

इस प्लांट को लगाने में लगभग 30-40 हजार रुपये की लागत आयी है. श्री महतो इस कार्य के लिए कई वर्षों से लगे हुए थे, लेकिन आर्थिक अभाव के कारण वे इसे पूरा नहीं कर सके. छह माह पूर्व पुन: इस कार्य में जुटे और इसे पूरा कर दिखाया. इनकी इस उपलब्धि पर कांग्रेस नेता सुधीर मंगलेश ने बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि केदार गरीब परिवार से हैं. अगर सरकार इन्हें सहयोग करेगी, तो पूरा गांव रोशन हो सकता है.

केदार रामगढ़ कॉलेज से बीए पार्ट वन तक की पढ़ाई की है. इसके पिता जानकी महतो कृषक एवं मां फुलेश्वरी देवी आंगनबाड़ी सहायिका हैं. केदार के इस कार्य को देखने के लिए प्रतिदिन कई लोग पहुंच रहे हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं. केदार ने बताया कि इसी जगह पर इसे और वृहद बना कर एक मेगावाट तक बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य है.

केदार ने सबसे पहले 2004 में 12 वोल्ट का डीसी करंट बनाया था. उस समय वह कक्षा नौ में पढ़ रहे थे. इसके बाद पढ़ाई के कारण वह इस काम को अधूरा छोड़ दिया. फिर उसने कई वर्षों तक इस पर काम किया. छह माह पूर्व उसे यह कामयाबी मिली. केदार ने बताया कि एक मेगावाट का प्लांट लगाने में लाखों रुपये खर्च आयेगा. उन्होंने अब तक किसी प्रशासनिक अधिकारी से सहायता की मांग नहीं की है. उन्होंने बताया कि एक मेगावाट बिजली से लगभग 10 हजार बल्ब जलेंगे. केदार ने मैट्रिक और इंटर गोल से किया है.

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