प्रतिनिधि, रजरप्पा
अपनी मांगों को लेकर रजरप्पा के स्लरी मजदूरों ने गुरुवार को रजरप्पा परियोजना को ठप करा दिया. इसके कारण यहां उत्पादन कार्य, वाशरी, डिस्पैच का काम ठप हो गया. सब स्टेशन से बिजली काट दी गयी. इससे पूरे क्षेत्र में कार्यालय से लेकर कॉलोनी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. बिजली से चलने वाले सभी उपकरण बंद हो गये. इससे परियोजना को लाखों के नुकसान का अनुमान है. बताया जाता है कि पिछले 13 दिन से रजरप्पा का कांटा घर बंद है. इसके कारण डीओ का कोयला उठाव नहीं हो पा रहा है. काम के अभाव में लगभग 636 मजदूर बैठे हैं. काम नहीं मिलने से आक्रोशित मजदूरों ने परियोजना का काम ठप करा दिया. कामगारों का कहना था कि प्रबंधन को कई बार सूचना देने के बावजूद कोयला उठाव नहीं कराया जा रहा है. इससे हमलोगों का रोजगार खत्म हो गया है. कई मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. उधर, मजदूरों ने वाशरी गेट को भी बंद कर दिया. इससे कामगार अंदर नहीं जा सके. बंद की सूचना पर महाप्रबंधक बिनोद कुमार सहित कई अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे मजदूरों के साथ वार्ता की. मजदूरों ने बताया कि अधिकारियों ने सोमवार से कोयला उठाव कराने का आश्वासन दिया है. लगभग छह घंटे के बाद दोपहर 12 बजे प्रदर्शन वापस ले लिया गया. इसके बाद उत्पादन कार्य शुरू हुआ. उधर, बंद की सूचना पर सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भी रजरप्पा पहुंचे और मजदूरों से मिले. उन्होंने कहा कि मजदूरों की लड़ाई में साथ खड़े हैं. मौके पर अब्दुल क्यूम अंसारी, गणेश महतो, मंगरा मांझी, बसंत केवट, जाहिर अंसारी, रमेश मांझी, मधु साव, जबार अंसारी, फुचू केवट, नरेश महतो, उमेश मुंडा मौजूद थे.
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