बेटी की हत्या के आरोप में पिता व सौतेली मां को रामगढ़ पुलिस ने भेजा जेल
करीब तीन घंटे तक घेराव जारी रहने के बाद एसडीपीओ वीरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे. उन्होंने यशवंत के आवेदन व ग्रामीणों के बयान के आधार पर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया
भदानीनगर : भदानीनगर के चिकोर गांव में शनिवार को नाबालिग खुशी कुमारी की मौत का मामला सोमवार की सुबह गरमा गया. रविवार को खुशी के भाई यशवंत कुमार महतो ने पिता सुनील कुमार महतो व सौतेली मां पूनम देवी पर बहन की हत्या का आरोप लगाते हुए भदानीनगर ओपी में आवेदन दिया था. जिसपर रामगढ़ पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए माता-पिता को हिरासत में ले लिया था. इधर, सोमवार की सुबह दोनों को जेल भेजने की मांग को लेकर यशवंत के साथ उसके गांव के सौ से अधिक लोगों ने ओपी का घेराव कर दिया.
करीब तीन घंटे तक घेराव जारी रहने के बाद एसडीपीओ वीरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे. उन्होंने यशवंत के आवेदन व ग्रामीणों के बयान के आधार पर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. यशवंत के अनुसार, खुशी की हत्या कारण बैंक में खुशी के नाम से छह लाख का एफडी है, जो मार्च महीने में पूरा हो रहा था. इस एफडी के नॉमिनी पिता सुनील थे. यह एफडी खुशी के दादा सीसीएलकर्मी चेतलाल महतो ने उसकी शादी के लिए कराया था. यशवंत का आरोप है कि इसी पैसे को लेकर पिता व सौतेली मां बार-बार खुशी को प्रताड़ित करते थे. वे चाहते थे खुशी अपनी मर्जी से सारा पैसा उन्हें दे दे, लेकिन खुशी इसके लिए तैयार नहीं थी.
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जिसके बाद सुनियोजित तरीके से उसे मार डाला गया, ताकि उसके मरने के बाद पैसा उसके नॉमिनी पिता सुनील को मिल सके. खुशी पीटीपीएस कॉलेज में इंटर की छात्रा थी. एसडीपीओ ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर हत्या या आत्महत्या का पता चल सकेगा. ओपी घेराव करने वालों में दिलीप दांगी, कृष्णा प्रसाद कुशवाहा, सागर दांगी, ननका महतो, दुर्गा महतो, इंद्रदेव महतो, गंगाधर कुशवाहा, आलम, सूरज कुमार, फूलेश्वर महतो, देवकी महतो, रंजीत महतो, जितेंद्र कुमार, सावित्री देवी, पूनम देवी, चमनी देवी, सरिता देवी, सुनीता देवी, मीना देवी, रूबी देवी, चंपा देवी आदि शामिल थे.