चुंबा में ग्रामीण जलापूर्ति योजना फेल
ग्राम जल स्वच्छता समिति व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही से बड़काचुंबा व मंझलाचुंबा पंचायत में ग्रामीण जलापूर्ति योजना फेल हो गयी है.
अजय कुमार / रंजीत सिंह फोटो 26गिद्दी3-चुंबा में स्थापित जलमीनार
गिद्दी(हजारीबाग). ग्राम जल स्वच्छता समिति व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही से बड़काचुंबा व मंझलाचुंबा पंचायत में ग्रामीण जलापूर्ति योजना फेल हो गयी है. पिछले पांच वर्षों से यह योजना ठप है. इसके अधिकांश समान की चोरी हो चुकी है. यूं कहिेये, इसका करोड़ो रूपया पानी में बहा दिया गया है. इसके प्रति विभाग व समिति गंभीर नहीं है. इससे ग्रामीणों में नाराजगी है. जानकारी के अनुसार 10-11 करोड़ की लागत से बड़काचुंबा व मंझलाचुंबा पंचायत में वर्ष 2016 में ग्रामीण जलापूर्ति योजना से 1200 घरों में पेयजल आपूर्ति शुरू की गयी थी. अभिकर्ता ने दो वर्षों तक इसका संचालन सफलतापूर्वक किया. इसके बाद संचालन की जिम्मेवारी ग्राम जल स्वच्छता समिति को सौंप दी गयी. कुछ माह तक समिति ने इसे चलाया. इसके बाद उपभोक्ताओं से मासिक जलकर नहीं मिलने का हवाला देकर समिति ने पेयजल आपूर्ति बाधित कर दी. तब से यह योजना ठप पड़ी हुई है. अब तो चोरों ने इसके अधिकांश सामान की चोरी कर ली है. बहुत दिनों के बाद गिद्दी थाना में चोरी की सूचना दी गयी है. इससे समिति पर कई सवाल उठ रहे है. उपभोक्ताओं का कहना है कि इसकी जांच होगी, तो समिति व विभाग की मुश्किले बढ़ सकती है. ग्रामीण उपभोक्ता पानी को लेकर परेशान है. रामगढ़ में सांसद ने इस मुद्दे को कई बार बैठक में उठाया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. जानकार सूत्रों का कहना है कि पुन: इसे चालू करना विभाग के लिए आसान काम अब नहीं रह गया है. बड़काचुंबा पंचायत के मुखिया राजेंद्र कुमार प्रसाद ने कहा कि यहां पर ग्रामीण जलापूर्ति योजना पिछले पांच वर्षों से ठप है. इसके प्रति न तो विभाग और न ही समिति गंभीर है. विभाग व समिति की लापरवाही से ही इसके करोड़ों रुपये की बर्बादी हुई है. मंझलाचुंबा पंचायत की मुखिया लक्ष्मी देवी ने कहा कि पानी के लिए यह योजना बनी थी, लेकिन करोड़ो रुपये पानी में बह गये है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह ने कहा कि इसके अधिकांश सामान की चोरी हो चुकी है. हैरत की बात यह है कि समय पर इसकी लिखित शिकायत थाना में नहीं करायी गयी है. यह गंभीर बात है. इसकी सूचना विभाग को दे दी गयी है. अब इस योजना को चालू कराना आसान नहीं है.
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