रामगढ़. कस्तूरबा इंटर महिला महाविद्यालय के व्याख्याताओं व कर्मचारियों का वेतन 18 महीनों से लंबित है. साथ ही मार्च महीने में सरकार द्वारा दिये गये अनुदान की राशि भी अब तक व्याख्याताओं व कर्मचारियों के बीच नहीं बंट पायी है. अनुदान का पांच लाख रुपया भी सरकार द्वारा रोक रखा गया है. अनुदान के 10 लाख रुपये बंटने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के बाद पांच लाख रुपये कॉलेज के दिये जायेंगे. लंबे समय से वेतन नहीं मिलने से व्याख्याताओं व कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बीच बीच में कभी एक महीना तो कभी तो महीना का वेतन जारी किया जाता है. लेकिन इससे व्याख्याताओं व कर्मचारियों के परेशानी कम नहीं होती है. इस संबंध में व्यख्याताओं व कर्मचारियों ने 29 जुलाई को कॉलेज में अपनी मांगों को लेकर तालाबंदी कर दी थी. तालाबंदी के बाद महाविद्यालय शासी निकाय की अध्यक्ष सह विधायक सुनीता चौधरी की प्रतिनिधि अनुपमा सिंह ने आश्वासन देकर तालाबंदी खत्म करायी थी तथा कहा था कि विधान सभा सत्र समाप्त होने के बाद विधायक महाविद्यालय पहुंच कर सभी से मिल कर उनकी समस्या का समाधान कर देंगी. विधान सभा सत्र समाप्त होने के बाद 12 अगस्त को महाविद्यालय पहुंच कर विधायक श्रीमती चौधरी ने वेतन भुगतान व अनुदान वितरण यथा शीघ्र करने का आश्वासन दिया. आश्वासन दिये भी 15 दिन होने चले आज तक ना तो वेतन भुगतान हुआ और ना ही अनुदान राशि का वितरण हो सका है. एक बार फिर व्याख्याताओं व कर्मचारियों का असंतोष उफान पर है तथा उनका कहना है कि इस माह के बाद वे लोग फिर से आंदोलनात्मक रुख अपनायेंगे तथा महाविद्यालय में तालाबंदी कर देंगे तथा इस बार वेतन मिलने व अनुदान वितरण होने तक तालाबंदी खत्म नहीं करेंगे. व्याख्याताओं व कर्मचारियों में प्रभारी प्राचार्य व शासी निकाय के खिलाफ असंतोष इस मामले में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है.
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