ऊखरबेड़वा में 164 करोड़ की लागत से बन रहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
ऊखरबेड़वा में बन रहा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
प्रतिनिधि, कुजू मांडू प्रखंड क्षेत्र के ऊखरबेड़वा में नमामि गंगे योजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. यहां प्रदूषित पानी को शुद्ध करने के बाद फिर दामोदर नद में छोड़ने की योजना जुडको द्वारा प्रस्तावित है. उक्त कार्य में लगी इनवैरो इंफ्रा इंजीनियर्स लिमिटेड, दिल्ली की ठेका कंपनी को जिला प्रशासन ने 71 एकड़ में से 4.6 एकड़ गैरमजरूआ भूमि आवंटित कर दिया है. इसकी प्राक्कलन राशि करीब 164 करोड़ है. काम शुरू करने का आदेश 28 दिसंबर 2023 को ही जारी कर दिया गया था. इसका समय आदेश के दिन से 24 महीने तक है. इसे 28 दिसंबर 2025 तक पूरा कर लेना है. कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रंधीर मिश्रा, कंस्ट्रक्शन मैनेजर रॉबिंस कुमार व डिजाइन इंजीनियर रोहन राज ने कहा कि बड़ी मशक्कत के बाद प्लांट निर्माण का कार्य शुरू हुआ है. निर्माण कार्य में जिला प्रशासन और स्थानीय ग्रामीणों का जितना सहयोग मिलेगा, उतना जल्द ही निर्माण कार्य पूरा किया जायेगा. इधर, क्षेत्र के गोबरदाहा एवं जिले के कई अन्य स्थानों में उक्त योजना के तहत प्लांट निर्माण का कार्य प्रस्तावित है. सीवरेज प्लांट तक कैसे पहुंचेगा प्रदूषित पानी : रामगढ़ शहर स्थित दामोदर नद में गिरने वाले प्रदूषित नाले के पानी को नदी के दोनों किनारों पर सबसे पहले इंटरसेप्शन और डायवर्सन मेथड से रोका जायेगा. इसके बाद उस पानी को पाइप लाइन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जायेगा. इसके बाद प्रदूषित पानी को शुद्ध करने का बाद दामोदर नद में वापस छोड़ा जायेगा. पुलिस की निगरानी में हो रहा है कार्य : कंपनी के लोग जब मजदूर लेकर उक्त स्थल पर काम कराने के लिए गये, तो पहले दिन उन्हें ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा. उनका कहना था कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से भविष्य में उन्हें परेशानी हो सकती है. इसके कारण ही वह लोग विरोध कर रहे हैं. कंपनी के लोगों का कहना है कि इससे ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं होगी. विरोधाभास स्थिति को देखते हुए पुलिस ने अपनी निगरानी में काम शुरू कराया. वहां पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है.
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