मुआवजा व नौकरी को लेकर धरने पर बैठे
रामाग्लास हनुमान मंदिर के समीप रविवार शाम बिजली पोल पर चढ़कर काम कर रहे बड़का चुम्बा के बरवा टोला निवासी सह फ्रेंचाइजी लाइनमैन वीरेंद्र कुमार ( 35 वर्ष ) पिता तीर्थनाथ महतो की मौके पर मौत हो गयी
कुजू. रामाग्लास हनुमान मंदिर के समीप रविवार शाम बिजली पोल पर चढ़कर काम कर रहे बड़का चुम्बा के बरवा टोला निवासी सह फ्रेंचाइजी लाइनमैन वीरेंद्र कुमार ( 35 वर्ष ) पिता तीर्थनाथ महतो की मौके पर मौत हो गयी, लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि उसकी मौत विभाग की लापरवाही के कारण हुई. घटना में पहुंचे लोगों ने बताया कि मरम्मत कार्य को लेकर बिजली विभाग के ठेकेदार द्वारा उसे बिना सेफ्टी किट के ही कार्य में भेज दिया गया. जब वीरेंद्र कार्य को लेकर उक्त स्थल पहुंचा तो उनके साथ कार्य करने गये कर्मी शट डाउन ले लिए जाने की बात कहकर पोल पर चढ़ा दिया. जबकि शटडाउन लिए जाने का रिकॉर्ड मेंटन विभाग के पास भी नहीं है. इसके बावजूद वीरेंद्र को चढ़ा दिया गया. जब वीरेंद्र 440 वोल्ट की एलटी तार को छुआ तो जोरदार झटके साथ पोल से नीचे जमीन पर गिर गया. इस दौरान उसे आनन फ़ानन में रांची रोड स्थित दी होप हॉस्पिटल इलाज के लिए ले जाया गया. जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. घटना के बाबत चुम्बा के आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को लेकर बीआरएल सब स्टेशन पहुंचकर धरने पर बैठ गए. साथ ही आश्रित परिवार के लिए 30 लाख रुपए और परिवार के जीविकोपार्जन के लिए नौकरी देने की मांग करने लगे. समाचार लिखे जाने तक आक्रोशित ग्रामीण धरने पर बैठे थे, पर सब स्टेशन में कोई अधिकारी सुधि लेने नहीं पहुंचे थे . इधर चुंबा पंचायत के मुखिया राजेंद्र उर्फ राजू कुशवाहा, पंचायत समिति सदस्य मनोज महतो एवं अन्य सदस्य विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर करते कहा की काम में लगी ठेकेदार कर्मियों का किसी प्रकार से कोई इंश्योरेंस नहीं कर रखा है, और ना हीं सेफ्टी किट उपलब्ध कराया है. आज एक गरीब की वेवजह जान चली गई. भविष्य में ठेकेदार और विभाग नहीं चेता तो न आने वाले समय में ना जाने कितने लोगों की जानें जा सकती है. ऐसे में ठेकेदार और संबंधित विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन द्वारा अविलम्ब न्याय संगत कार्रवाई करें. उधर सूचना पाकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. सब स्टेशन में मुखिया संघ के मांडू प्रखंड अध्यक्ष संजय प्रसाद, कुजू पश्चिमी मुखिया जय कुमार उर्फ बुच बाबा तथा चुम्बा और दिगवार के बड़ी संख्या में लोग जमे थे.