उरीमारी. सीसीएल बरका-सयाल क्षेत्र की न्यू बिरसा परियोजना रोड सेल में पिछले तीन महीने से कोयले की आपूर्ति नहीं हुई. इसके कारण रोड सेल बंद है. रोड सेल बंद होने के कारण हजारों लोग बेरोजगार हो गये हैं. स्थिति यह है कि रोजी-रोटी के लिए इनके पलायन का दौर भी शुरू हो गया है. इस रोड सेल को न्यू बिरसा परियोजना से हर महीने कोयला मिलता था. खनन कार्य बीजीआर आउटसोर्सिंग कंपनी कर रही थी. इसका खनन टेंडर करीब चार महीने पहले खत्म हो गया. इसके कारण रोड सेल में कोयले की आपूर्ति बंद हो गयी. अब इस परियोजना में नयी आउटसोर्सिंग कंपनी कार्तिक माइनिंग जेबी ने खनन कार्य शुरू किया है. कंपनी कोयला भी निकाल रही है. निकाला गया कोयला रेलवे साइडिंग को भेजा जा रहा है. कंपनी का कहना है कि रोड सेल में कोयला देने के लिए सीसीएल प्रबंधन की ओर से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. इसलिए रोड सेल को कोयला नहीं दिया जा सकता है. विस्थापित नेता सोनाराम मांझी ने बताया कि सीसीएल प्रबंधन से पूर्व में वार्ता हुई थी. इसमें प्रबंधन ने आश्वस्त किया था कि 13 अक्तूबर से रोड सेल में कोयला दिया जाने लगेगा. यह समय सीमा भी खत्म हो चुकी है. कोयला नहीं मिलने से लोगों का रोजगार खत्म हो गया है. रोड सेल के अलावा विस्थापित ग्रामीणों के लिए यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है. इधर, पूरे मामले पर सीसीएल प्रबंधन से पूछे जाने पर कहा कि कुछ तकनीकी वजहों से रोड सेल में कोयला नहीं दिया जा रहा है. उम्मीद है कि एक सप्ताह में कोयले की आपूर्ति शुरू हो जायेगी. हालांकि प्रबंधन के इस कथन पर विस्थापित ग्रामीणों को विश्वास नहीं है. उनका कहना है कि प्रबंधन द्वारा केवल गुमराह करने का काम किया जाता है. यदि एक सप्ताह में कोयला नहीं मिला, तो आंदोलन शुरू कर देंगे. 44 मिलियन टन निकालना है कोयला : कार्तिक माइनिंग जेबी कंपनी को इस परियोजना से 44 मिलियन टन कोयला निकालना है. कंपनी इस परियोजना में एक किलोमीटर चौड़ाई व 1.8 किलोमीटर लंबे क्षेत्रफल में खनन कार्य करेगी. कंपनी का टेंडर नौ साल का है. 107 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबी भी निकालना है. कंपनी के मैनेजर मंगल सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 4.5 मिलियन टन कोयला निकालना है.
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