असनागढ़ा में बाबा तिलका मांझी की मनायी गयी जयंती
असनागढ़ा में बाबा तिलका मांझी की मनायी गयी जयंती
गिद्दी (हजारीबाग). संताल समाज दिशोम मांझी परगना के बैनर तले असनागढ़ा डुमरियाटांड़ में मंगलवार को भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी की जयंती मनायी गयी. उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. मुख्य अतिथि संताल समाज दिशोम मांझी परगना के केंद्रीय उपाध्यक्ष सोहराय किस्कू ने कहा कि वह भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्हें इतिहास के पन्नों में अपेक्षित जगह नहीं दी गयी है, लेकिन उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है. आदिवासियों पर जब-जब जुल्म हुआ है, तब-तब विद्रोह हुआ है. झारखंड का इतिहास गवाह है. समारोह में विशिष्ट अतिथि संताल समाज के एतवा बास्के ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ तिलका मांझी ने ही सबसे पहले आंदोलन का बिगुल फूंका था. उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है. इसकी अध्यक्षता जल -जंगल -जमीन बचाओ मंच के अध्यक्ष रतिलाल मरांडी ने की. संचालन रामचंद्र टुडू व बृजलाल ने किया. समारोह के पूर्व तीरंदाजी प्रतियोगिता हुई. समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर प्रमुख दीपा देवी, शैली मुर्मू, लीलमुनी देवी, शांति देवी, मोनिका मुर्मू, बबिता हांसदा, पंसस गणेश महतो, पतिलाल हांसदा, कतिलाल मरांडी, सुखदेव टुडू, बबलू टुडू, भुनेश्वर हांसदा, जगदीश मरांडी, लालदेव सोरेन, प्रभु सोरेन, कृष्णा हांसदा, ब्रजेश मरांडी, रामकिशोर मुर्मू, भगवान दास हांसदा, जगन्नाथ बास्के, राजेश मरांडी, कार्तिक टुडू, धनीराम मरांडी, दिलीप हांसदा, पिंटू, शिबू मरांडी, जगदीश सोरेन, लालजी सोरेन, शंकर टुडू, अशोक मरांडी, शंकर सोरेन, नरेश मरांडी, मंगलदेव महतो, सरिता, बहामुनी उपस्थित थे.
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