अंधभक्ति में फंसी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं, कोरोना को भगाने के लिए कर रही हैं अनोखे किस्म की पूजा
कुजू : दुनिया में फैला वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर अब अंधविश्वास का खेल शुरू हो गया है. ऐसे समय में जब पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन या दवा की खोज में लगे हुए हैं. वहीं, कुछ ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अंधविश्वास में आकर एक अनोखे किस्म के पूजा पद्धत्ति को अपनाकर कोरोनो भगाने का दावा कर रही है. पेश है प्रभात खबर प्रतिनिधि धनेश्वर प्रसाद की रिपोर्ट...
कुजू : दुनिया में फैला वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर अब अंधविश्वास का खेल शुरू हो गया है. ऐसे समय में जब पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन या दवा की खोज में लगे हुए हैं. वहीं, कुछ ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अंधविश्वास में आकर एक अनोखे किस्म के पूजा पद्धत्ति को अपनाकर कोरोनो भगाने का दावा कर रही है. पेश है प्रभात खबर प्रतिनिधि धनेश्वर प्रसाद की रिपोर्ट…
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शुक्रवार को ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला. मांडू प्रखंड के कुजू पश्चिमी पंचायत के रामनगर व बमनगर की कुछ महिलाएं सुबह स्नान-ध्यान कर खेत व जंगल की ओर हाथ में लोटा और अन्य पूजा सामग्री लेकर निकल पड़ी. जिसमें न कोई सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल और न ही कोई भी महिला मास्क पहन रखा था. खेत पहुंचते ही महिलाएं नौ लड्डू, नौ फूल, नौ अगरबत्ती चढ़ाकर खेत या जंगल में अपने-अपने गड्ढे खोदकर उसमें डालती हैं. दावा करती है कि ऐसा करने से कोरोना महामारी दो सप्ताह में समाप्त हो जायेगा.
अंधविश्वास बढ़ाने में सोशल मीडिया का है अहम रोल
बिहार के बरौनी क्षेत्र में कोरोना माई की पूजा का वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल होने के बाद क्षेत्र में अंधविश्वास और भी बढ़ गया है. साथ ही ग्रामीण महिलाएं तेजी से इस अंधविश्वास के चक्रव्यूह में फंस रही हैं तथा कोरोना महामारी की कोरोना माई के नाम से पूजा करने लगी हैं. वायरल हुए वीडियो में बिहार के बरौनी में एक गाय के औरत के रूप में प्रकट होकर खुद को कोरोना माई बताने की बात कही जा रही है. जिसके बाद से लगातार क्षेत्र में इस तरह की पूजा अर्चना जारी है. इस झूठे वायरल वीडियो ने महिलाओं को अंधविश्वास के भंवर में धकेल दिया है.
खेतों और जंगलों में की जा रही है पूजा-अर्चना
कुजू पश्चिमी पंचायत के बमनगर व राम नगर की रहने वाली ग्रामीण महिलाएं स्नान कर तेलनियागढ़ा के जंगल और खेत पहुंची. जिसमें दर्जनभर महिलाएं शामिल थीं. महिलाओं ने अलग-अलग गड्ढा खोदकर उसमें नौ लड्डू, फूल, अगरबत्ती, सिंदूर, जल आदि अर्पण कर गड्ढे को बंद करते हुए देश से कोरोना को दूर करने की कामना की.
कुजू में पहले भी देखने को मिला है अंधभक्ति का नजारा
मच्छखंदवा बस्ती में जब किसी शरारती व्यक्ति द्वारा मुनगा के पेड़ पर भगवान शिव के त्रिशुल का आकृति बनाया गया था. जिसमें बड़ी तदाद में महिलाएं पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए पूजा अर्चना करते दिखाई दी थीं. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उस पेड़ को हटा दिया गया था.
कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प : डॉ अशोक राम
इस तरह के कोरोना भगाने को लेकर किये जा रहे पूजा को प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक राम ने अंधविश्वास की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र विकल्प है. इसे बनाये रखे तभी चेन टूटेगा. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के लोगों की इम्यूनिटी मजबूत है. जिसके कारण लोग ठीक भी हो रहे हैं. इस वक्त सोशल मीडिया में कई झूठे खबर व वीडियो वायरल किये जा रहे हैं. जिससे लोगों में गलत संदेश पहुंच रहा है. हर बुद्धिजीवि इस अंधभक्ति को दरकिनार करे. हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहने और बिना काम के बाहर न निकलें.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha