रांची : खूंटी के मुरहू में जांच के क्रम में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा मारे गये रोशन होरो की पत्नी को सीएम ने 10 लाख रुपये मुआवजा व मुरहू प्रखंड कार्यालय में सरकारी नौकरी देने का निर्देश दिया है. सीएम से रोशन होरो के परिजन मिलने आये हुए थे. सीएम ने कहा कि यह घटना दुःखद है. कोई भी किसी की जान वापस नहीं ला सकता. इसकी भरपाई नहीं हो सकती है. मृतक के परिजनों पर क्या गुजर रहा होगा, इसका अनुमान है मुझे. सरकार के संज्ञान में मामला आया है. सरकार हर संभव सहायता मृतक के परिजनों को देगी. फिलहाल रोशन होरो की धर्मपत्नी जोसपिना होरो को दस लाख रुपये व मुरहू प्रखंड कार्यालय में कानून सम्मत नौकरी देने की व्यवस्था की जायेगी.
क्या है मामला : रोशन होरो मुरहू थाना क्षेत्र के कुम्हारडीह गांव का रहनेवाला था. 20 मार्च को गांव से दो किलोमीटर दूर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के समीप सीआरपीएफ द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध सघन जांच अभियान नक्सली गतिविधियों की सूचना के बाद चलाया जा रहा था. इस क्रम में 34 वर्षीय रोशन होरो बाइक से वहां पहुंचा और सीआरपीएफ के जवानों द्वारा गोली चलाये जाने से उसकी मौत हो गयी.
औैर क्या निर्देश दिया सीएम ने : मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को निर्देश दिया कि रोशन होरो के परिजनों को राशन कार्ड, आवास योजना और उसकी दो बच्चियों की पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें. साथ ही कृषि योजनाओं का लाभ भी पीड़ित परिवार को दें. मौके पर विधायक निरल पूर्ति, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी एमवी राव उपस्थित थे.
बिजली टैरिफ सब्सिडी के लिए एक हजार करोड़ रुपये मंजूर : रांची . मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को टैरिफ पर दी जानेवाली सब्सिडी के तहत झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को एक हजार करोड़ रुपये एकमुश्त विमुक्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. बताया गया कि बिजली वितरण निगम को इस समय कम राजस्व मिल रहा है. जिसके कारण डीवीसी व एनटीपीसी जैसी कंपनियों को बकाया भुगतान करने में परेशानी आ रही थी.
डीवीसी 30 जून से एक बार फिर से झारखंड में बिजली कटौती करने पर विचार कर रही थी. इसकी सूचना वितरण निगम को दे दी गयी थी. इसके बाद वितरण निगम के एमडी राजीव अरुण एक्का ने सीएम से बताया कि टैरिफ पर सब्सिडी की राशि राज्य सरकार ने 1800 करोड़ रुपये बजट में मंजूरी दे दी है.
कोरोना के कारण उपभोक्ता बिजली बिल का कम भुगतान कर रहे हैं. बजट की 1800 करोड़ रुपये में से 1000 करोड़ रुपये का भुगतान एडवांस में कर दिया जाये, ताकि बिजली उत्पादक कंपनियों के बिल का भुगतान किया जा सके. इस राशि से डीवीसी को 180 करोड़ रुपये तथा अन्य बिजली उत्पादक कंपनियों के मासिक बिल का भुगतान किया जायेगा. इधर जब तक नयी टैरिफ की घोषणा नहीं हो जाती, तब तक पुरानी व्यवस्था के तहत ही उपभोक्ताओं के प्रति यूनिट सब्सिडी देने की व्यवस्था लागू रहेगी.
posted by : Pritish Sahay