Jharkhand High Court Hearing On EWS Reservation रांची : आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देनेवाली अपील याचिकाओं पर अब झारखंड हाइकोर्ट की दूसरी बेंच सुनवाई करेगी. बुधवार को अपील याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होते ही बेंच में शामिल जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने अपने को अलग कर लिया. इसके बाद चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने मामले को दूसरी बेंच में स्थानांतरित करने को कहा.
महाधिवक्ता के आग्रह को देखते हुए मामले की शीघ्र सुनवाई की बात कही गयी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने खंडपीठ से मामले की महत्ता को देखते हुए शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने अलग-अलग अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी है. एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया गया है. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकलपीठ ने 21 जनवरी 2021 को सहायक अभियंता की नियुक्ति के विज्ञापन को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि वर्ष 2019 के पूर्व की वैकेंसी में आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है.
इस मामले में सरकार संशोधित अधियाचना जेपीएससी को भेजे और उसके अनुसार ही जेपीएससी दोबारा विज्ञापन प्रकाशित करे. अगले दिन 22 जनवरी से पूरे राज्य में इसकी मुख्य परीक्षा होनी थी. रंजीत कुमार साह ने सहायक अभियंता की नियुक्ति को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दाखिल की थी. इनके अनुसार, सहायक अभियंता नियुक्ति वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक की है. बाद में आरक्षण देने का निर्णय लिया गया. इसलिए पूर्व की वैकेंसी में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है. जेपीएससी ने सिविल इंजीनियर 542 और 92 मैकेनिकल इंजीनियर की नियुक्ति के लिए वर्ष 2019 में विज्ञापन निकाला था.
Posted By : Sameer Oraon