Jharkhand Assembly Winter Session|विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये हैं. विधानसभा आनेवाले दर्शकों की गहन जांच होगी. उनकी जांच मेटल डिटेक्टर के अलावा मैनुअली भी की जायेगी. विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा में पांच आइपीएस, 12 डीएसपी व 1000 पुलिसकर्मी लगाये जायेंगे. सुरक्षा में जैप, रैप, इको, आइआरबी, एसआइआरबी सहित पुलिसकर्मी शामिल रहेंगे. वहीं हथियारबंद जवानों के अलावा डंडा पार्टी की भी तैनाती होगी. जिला के एसएसपी, सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी, ट्रैफिक एसपी सहित मुख्यालय से मिले एक आइपीएस सहित पांच आइपीएस को सुरक्षा में लगाया गया है. एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि दिल्ली के संसद भवन की घटना के बाद झारखंड विधानसभा सत्र लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये हैं.
धराशायी हो गयी मोदी की गारंटी, गृह मंत्री इस्तीफा दें: कांग्रेस
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संसद की सुरक्षा में हुई भारी चूक को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर बड़ा सवालिया निशान लगाते हुए गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा. कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मोदी की गारंटी एक बार फिर से धराशायी हुई है. झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि देश के गृहमंत्री लगातार देश संभालने में असफल साबित हो रहे हैं, उन्हें अविलंब इस्तीफा देना चाहिए. श्री ठाकुर ने भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की, जिनकी अनुशंसा पर युवकों को संसद दीर्घा के लिए पास निर्गत किया गया था. उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और ऐसे मामले पर भी गृहमंत्री का बयान देने से इंकार करना, इस बात को बताता है, कि राष्ट्रवाद का ढोंग रचनेवाली भाजपा राष्ट्र की सुरक्षा पर कितनी गंभीर है.
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संजय सेठ ने लोकसभा में उठाया इमरजेंसी अलर्ट मैसेज का सवाल
विगत कई माह से देश के आम नागरिकों के मोबाइल पर इमरजेंसी अलर्ट के मैसेज भेजे जा रहे हैं. कई बार आम लोगों में इस मैसेज को लेकर भय भी देखा गया है. सांसद संजय सेठ ने बुधवार को इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया. पूछा कि आमजन के उपकरणों पर इमरजेंसी अलर्ट के मैसेज भेजे जा रहे हैं. क्या इससे उनकी गोपनीयता को कोई खतरा है. मोबाइल फोन की कुल संख्या का ब्योरा क्या है, जहां यह संदेश भेजे जा रहे हैं. इसके जवाब में केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने बताया कि संचार प्रौद्योगिकी आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. गृह मंत्रालय और संचार मंत्रालय ने संयुक्त रूप से नागरिकों को संभावित आपदाओं के बारे में सतर्क करने के लिए चेतावनी तंत्र सचेत के नाम से विकसित किया है. इस तंत्र का उपयोग कर नागरिकों को विभिन्न परिस्थितियों से सतर्क रहने का संक्षिप्त संदेश भेजा जाता है. अब तक पूरे देश में इसका ट्रायल हो चुका है.
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