उपद्रवियों को चिह्नित कर करें जिला बदर की कार्रवाई

रांची: राजधानी की विधि-व्यवस्था में सुधार लाया जा सके, इसके लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने गुरुवार की रात आठ बिंदुआें पर निर्देश जारी किया है. यह निर्देश रांची जिला के सभी थाना प्रभारी के लिए है. निर्देश का अनुपालन हो सके, इसके लिए मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी ग्रामीण और सिटी एसपी को सौंपी गयी है. थाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2017 6:26 AM
रांची: राजधानी की विधि-व्यवस्था में सुधार लाया जा सके, इसके लिए एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने गुरुवार की रात आठ बिंदुआें पर निर्देश जारी किया है. यह निर्देश रांची जिला के सभी थाना प्रभारी के लिए है. निर्देश का अनुपालन हो सके, इसके लिए मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी ग्रामीण और सिटी एसपी को सौंपी गयी है. थाना प्रभारी को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूर्व के वैसे उपद्रवी जो किसी घटना में शामिल रहे हैं, वर्तमान में भी उनके द्वारा शांति-व्यवस्था को भंग करने का प्रयास किया जा सकता है.
उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव तैयार करें. पहले से हिंसा और उपद्रव फैलाने से संबंधित दर्ज केस में शामिल लोगों को एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तार कर जेल भेजें. ऐसा नहीं करनेवाले थाना प्रभारी इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेवार होंगे.
पहले से दर्ज केस में शामिल उपद्रवियों को गिरफ्तारी करें, नहीं तो थाना प्रभारी होंगे जिम्मेवार
जिन थाना क्षेत्र में पूर्व में विवाद हो चुका है, उन स्थानों पर जाकर थाना प्रभारी पीस कमेटी की बैठक करें. बैठक में बीडीओ और सीओ को भी बुलायें.
संवेदनशील स्थानों पर सभी वर्गों को मिलाकर एक कमेटी का गठन करें, जो छोटी-मोटी बातों को आपस में सुलझा सकें और तत्काल इस बात की सूचना प्रशासन को दें.
एेसे सभी उपद्रवियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ 107 और 116 के तहत कार्रवाई करें, जिनके द्वारा उपद्रव फैलाने की आशंका रहती है.
सभी थाना प्रभारी ऐसे उपद्रवियों को चिह्नित करें, जिनके द्वारा पूर्व में शांति-व्यवस्था भंग की गयी हो और वर्तमान में लोगों को भड़काया जा सकता है. उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव तैयार करें.
पूर्व में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की घटना से संबंधित दर्ज केस में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार करें, जिनके खिलाफ वारंट नहीं प्राप्त है. जिनके खिलाफ वारंट प्राप्त है, लेकिन वे फरार हैं, उनके खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करें. ढिलाई बरतनेवाले थानेदार सीधे तौर पर जिम्मेवार होंगे.
ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाये, जिन पर निगरानी रखने की आवश्यकता है. निगरानी रखने के लिए प्रतिदिन उन्हें थाना में हाजिरी देने के बुलायें.
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