रांची से बहरागोड़ा तक सड़क के किनारे शौचालय का निर्माण करेगी टाटा स्टील

रांची: टाटा स्टील कंपनी रांची से बहरागोड़ा एनएच 33 के अलग-अलग की जगहों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह कार्य सीएसआर के तहत टाटा स्टील द्वारा किया जायेगा. इसी प्रकार राज्य की अन्य महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे भी विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर के तहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 6:30 AM
रांची: टाटा स्टील कंपनी रांची से बहरागोड़ा एनएच 33 के अलग-अलग की जगहों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करेगी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह कार्य सीएसआर के तहत टाटा स्टील द्वारा किया जायेगा. इसी प्रकार राज्य की अन्य महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे भी विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर के तहत सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा. इससे यात्रियों को सुविधा होगी और खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) की दिशा में यह कारगर कदम होगा. श्री दास शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में सीअाइअाइ व पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा आयोजित ओडीएफ कॉनक्लेव को संबोधित कर रहे थे.
श्री दास ने कहा कि सरकार, कॉरपोरेट सेक्टर, स्वयंसेवी संस्था, मीडिया व जनता सभी एक साथ मिल कर झारखंड को 2018 तक ओडीएफ करेंगे. विगत दिनों झारखंड में सीएसआर कौंसिल का गठन किया गया. सीएसआर के तहत खर्च होनेवाली दो प्रतिशत में से एक प्रतिशत राशि कौंसिल के माध्यम से खर्च करने का प्रावधान किया गया है.

सीएसआर कौंसिल द्वारा राज्य की तीन प्राथमिकताएं निर्धारित की गयी हैं, जिसमें राज्य को ओडीएफ करना, पूरे राज्य में पाइप जलापूर्ति योजना को लागू करना व राज्य को कुपोषण से मुक्त करना शामिल है. प्रधानमंत्री ने डीएमएफ का गठन कर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इस मद से प्राप्त राशि से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 1500 करोड़ की लागत से पाइप जलापूर्ति योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है. इसके बाद ही जिंदगी के बाकी काम शुरू होते हैं. 2014 के पहले किसी प्रधानमंत्री ने इस पर नहीं सोचा था, पर लालकिले से नरेंद्र मोदी ने यह कर दिखाया. उन्होंने कहा कि अब सोच बदलने की जरूरत है. जब तक सफाई कर्मचारी नहीं आयेंगे, तब तक सफाई नहीं होगी. इस सोच को बदलने की जरूरत है. आज ज्ञान आधारित युग में भी लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं. यह कलंक की बात है. हमने इस कलंक को मिटाने का प्रण लिया है.
इसके पूर्व पेयजल विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि राज्य के 25 प्रखंडों, 742 ग्राम पंचायतों तथा 5136 राजस्व ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है. राज्य के अन्य 35 प्रखंड भी इस माह के अंत तक खुले में शौच से मुक्त हो जायेंगे. राज्य में कुल 12.71 लाख शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है.अभी प्रतिदिन तीन हजार शौचालय बन रहे हैं, जिसे बढ़ा कर पांच हजार प्रति दिन किया जायेगा. कहीं भी अब नया चापानल नहीं लगेगा. सरकार पाइप जलापूर्ति से घर-घर पानी देगी.
मुख्यमंत्री के सचिव सुनील बर्णवाल ने कहा कि पूरे देश में झारखंड ने सबसे पहले सीएसआर कौंसिल बनाया और तय किया कि सरकार की प्राथमिकता पर ही कंपनियां सीएसआर की राशि खर्च करेगी. अब डीएमएफ से भी राशि मिल रही है. इस राशि को पेयजल की सुविधाओं में खर्च किया जायेगा.
सीआइआइ झारखंड के चेयरमैन व टाटा स्टील के वीपी सुनील भाष्करण ने कहा कि टाटा स्टील प्रतिवर्ष 20 हजार घरों में शौचालय का निर्माण करायेगी. इस पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे. कंपनी द्वारा 60 हजार शौचालय के निर्माण का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि सीअाइआइ राज्य के साथ मिल कर काम कर रहा है. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन टाटा स्पंज आयरन लिमिटेड के एमडी संजय पटनायक ने किया. कार्यक्रम में एसबीएम के निदेशक राजेश शर्मा, सीआइआइ राहुल सिंह समेत विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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