बीएयू को अमृत कृषि के लिए 52.80 लाख रुपये

रांची : मिट्टी की रसायनरहित उर्वरा शक्ति के विकास के लिए अमृत कृषि बिरसा कृषि विवि द्वारा चलायी जा रही है. इसके लिए विवि को 52.80 लाख रुपये देने की नयी परियोजना स्वीकृत की गयी है. बीएयू के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने बताया कि इस परियोजना के तहत केवल गोबर-गोमूत्र के न्यूनतम उपयोग पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 6:32 AM
रांची : मिट्टी की रसायनरहित उर्वरा शक्ति के विकास के लिए अमृत कृषि बिरसा कृषि विवि द्वारा चलायी जा रही है. इसके लिए विवि को 52.80 लाख रुपये देने की नयी परियोजना स्वीकृत की गयी है. बीएयू के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने बताया कि इस परियोजना के तहत केवल गोबर-गोमूत्र के न्यूनतम उपयोग पर आधारित खेती होगी तथा किसी प्रकार के रासायनिक उर्वरक या कीटनाशी का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा.

इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति में स्थायी वृद्धि होगी. साथ ही फसलों के उत्पादन, उत्पादकता एवं पोषक तत्वों की उपलब्धता में भी बढ़ोतरी होगी. कुलपति ने बताया कि अमृत कृषि पूर्णत: प्राकृतिक सिद्धांतों तथा सूर्यप्रकाश के अधिकतम अवशोषण पर आधारित है.

योजना का कार्यान्वयन एक-एक हेक्टेयर भूमि में रांची गोशाला न्याय के सुकुरहुट्टू गोशाला में तथा दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र (रामकृष्ण मिशन) के गेतलसूद प्रक्षेत्र, अनगड़ा प्रखंड (प्रस्तावित) में किया जायेगा. इसके अतिरिक्त अनगड़ा, बुड़मू, बुंडू, चान्हो, कांके, लापुंग, मांडर, नामकुम, ओरमांझी एवं सिल्ली स्थित कुल 10 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में 750 वर्गफीट भूमि में गंगा मां मंडल योजना के रूप में अमृत कृषि का कार्यक्रम चलेगा. 750 वर्गफीट भूमि में अमृत कृषि पद्धति से पांच व्यक्ति तक के एक परिवार की सब्जियों की आवश्यकता की पूर्ति सालों भर आसानी से हो सकती है. योजना का संचालन बीपीडी-बीएयू सोसाइटी द्वारा किया जायेगा. साथ ही इसके प्रधान अन्वेषक सोसाइटी के सचिव-सह-सीइअो सिद्धार्थ जायसवाल होंगे.

एक वर्ष की इस परियोजना में सीनियर रिसर्च फेलो और फील्ड अस्सिटेंट के दो-दो पद भी स्वीकृत किये गये हैं. योजना के रखरखाव एवं सुरक्षा के लिए कार्य स्थल से संबंधित ग्राम में योजना रक्षा समिति का गठन किया जायेगा, जिनमें संबंधित ग्राम के ग्राम प्रधान/मुखिया/वार्ड सदस्य/प्रगतिशील किसान आदि शामिल रहेंगे. कुलपति डॉ कौशल ने कहा कि अमृत कृषि का संदेश पूरे झारखंड में फैलाने का लक्ष्य विवि का है. रांची उपायुक्त के सरकारी आवास तथा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में इससे संबंधित आरंभिक कार्य शुरू किया गया है. लोहरदगा जिला में अमृत कृषि संबंधी परियोजना का प्रस्ताव जिला प्रशासन को तथा गोरिया करमा प्रक्षेत्र (हजारीबाग) एवं बीएयू परिसर में ऐसा कार्यक्रम चलाने का प्रस्ताव कृषि विभाग को भेजा गया है.

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