खाका: नगर निगम बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त ने रखा प्रस्ताव, अब सेप्टेज सिस्टम से शहर में बिछेगी सीवर पाइपलाइन
रांची : शहर में 359 करोड़ की लागत से जोन वन में सिवरेज व ड्रेनेज की पाइपलाइन बिछायी जा रही है. पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को बीचों-बीच खोदा जा रहा है. वहीं सड़कों के किनारे ड्रेनेज सिस्टम बनाया जा रहा है. इससे जहां लोगों को परेशानी हो रही है, वहीं काम की रफ्तार भी […]
रांची : शहर में 359 करोड़ की लागत से जोन वन में सिवरेज व ड्रेनेज की पाइपलाइन बिछायी जा रही है. पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों को बीचों-बीच खोदा जा रहा है. वहीं सड़कों के किनारे ड्रेनेज सिस्टम बनाया जा रहा है. इससे जहां लोगों को परेशानी हो रही है, वहीं काम की रफ्तार भी काफी धीमी है. इसको देखते हुए नगर निगम ने जोन टू व जोन थ्री में नये सेप्टेज सिस्टम से सीवर पाइपलाइन बिछाने की योजना बनायी है. शनिवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने उक्त प्रस्ताव को सदस्यों के बीच रखा.
श्री कुमार ने कहा कि अगर सिस्टम से पाइपलाइन बिछायी गयी, तो आनेवाले समय में हम बेहतर तरीके से इस योजना को धरातल पर उतार सकेेंगे. बैठक में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार, सुरेश पासवान आदि उपस्थित थे.
चडरी के लोगों को मधुकम में नहीं बसने देंगे : बैठक में बिरसा मुंडा जेल पार्क के निर्माण में बाधा बने 144 परिवारों को मधुकम स्थित बीएसयूपी आवास में बसाने की योजना को स्थानीय वार्ड पार्षद ओमप्रकाश ने खारिज कर दिया. पार्षद ने कहा कि चडरी या प्रेमनगर के लोगों को उस आवास में घुसने नहीं देंगे. वहां पर अगर किसी को आवास मिलेगा, तो वह या तो पहाड़ी टोला का होगा या फिर वाल्मीकि नगर होगा. पहाड़ी टोला के लोगों के घर पांच साल पहले टूटे हैं. इसलिए सबसे पहले पहाड़ी टोला के लोगों को आवास मिलना चाहिए.
बकरी बाजार में बनेगा कांजी हाउस : सड़क पर घूमने वाले आवारा पशुओं को अब रांची नगर निगम जब्त करेगा. इन पशुओं को उठा कर निगम कांजी हाउस ले आयेगा. इन जानवरों के ऑनर जब इन्हें लेने आयेंगे, तो निगम इनसे जानवरों के रख-रखाव चार्ज के रूप में प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित शुल्क लेगा.
क्या होता है सेप्टेज सिस्टम : पठारी इलाका होने के कारण वर्तमान में अधिकतर मोहल्ले में जिस प्रकार से सीवर पाइपलाइन बिछायी जा रही है, उसके लिए कहीं पर तीन फीट, तो कहीं पर 18 फीट गहरा किया जा रहा है. सेप्टेज सिस्टम के तहत संकरी गलियों में पाइपलाइन नहीं बिछायी जायेगी. इसके लिए शहर से दूर एसटीपी (सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण किया जायेगा. इस सिस्टम के तहत घरों से निकलने वाले मल को वाहन से उठा लिया जायेगा. फिर इसे एसटीपी में डंप कर दिया जायेगा. फिर इस गंदगी को रिसाइकल कर खाद बना लिया जायेगा.
राजधानी के तालाबों में होगा मछली पालन
बैठक में नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि शहर के सारे तालाबों को रांची नगर निगम बंदोबस्त करेगा. बंदोबस्ती के माध्यम से जहां तालाबें सुंदर रहेंगी, वहीं इन तालाबों में मछली पालन भी होगा. मछली पालन के माध्यम से जहां बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, वहीं इससे निगम की आय भी बढ़ेगी.
पुराने वार्डों में सफाई व्यवस्था सुधारें, तभी नये वार्डों में काम की अनुमति दी जायेगी : प्रशांत
शहर की सफाई व्यवस्था के लिए चयनित रांची एमएसडब्ल्यू कंपनी पर नगर आयुक्त ने भड़ास निकाली. नगर आयुक्त ने कहा कि कंपनी केवल अपना दायरा बढ़ाने में लगी हुई है. पूर्व में जो वार्ड कंपनी को सफाई के लिए दिये गये हैं, उन वार्डों की हालत बहुत बुरी है. इसलिए कंपनी को अब नये वार्ड तब तक नहीं दिये जायेंगे, जब तक कंपनी पूर्व में दिये गये वार्डों में सफाई व्यवस्था की हालत में सुधार नहीं कर लेती है. नगर आयुक्त ने कहा कि कंपनी का स्क्रू अकाउंट खुल गया है. अब राशि के भुगतान में भी कुछ परेशानी नहीं है. अब कंपनी को सफाई व्यवस्था दुरुस्त करनी ही होगी.